मास्टरमाइंड ललित झा अब भी फरार, नहीं आया पुलिस के हाथ

पुलिस की गिरफ्त में आए अन्‍य आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि ललित झा के कहने पर 13 दिसंबर की तारीख तय हुई थी।

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दिल्ली पुलिस संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को लोकसभा में कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से नीचे कूदने और केन से धुआं फैलाने के मामले में छठे संदिग्ध आरोपी की तलाश में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन छापेमारी कर रही है। पुलिस की अभी तक की जांच में ललित झा के मास्टरमाइंड होने का शक सामने आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले के पीछे ‘लंबी साजिश’ है, जिसका खुलासा ललित झा के पकड़े जाने के बाद होगा।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की गिरफ्त में आए अन्‍य आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि ललित झा के कहने पर 13 दिसंबर की तारीख तय हुई थी। ललित झा ने ही सभी को गुरुग्राम में मीटिंग के लिए बुलाया था। ललित झा ने ही कलर अटैक का वीडियो मोबाइल में शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए चारों आरोपियों का एक ही सूत्रधार ललित निकला, जिससे सभी आरोपी संपर्क में थे। घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने ही चारों आरोपियों के फ़ोन अपने कब्जे में लिये और फरार हो गया। पुलिस को शक है कि मोबाइल में साजिश से जुड़े कई सबूत हो सकते हैं, जिन्हें ललित झा मिटाने की कोशिश कर सकता है। ललित झा की आखिरी लोकेशन राजस्‍थान के नीमराना के पास दर्ज की गई है, उसकी तलाश में कई टीम लगातार रेड कर रही हैं।

ललित झा से जुड़ी पश्चिम बंगाल की एनजीओ की भी पड़ताल शुरू कर दी गई है। इस एनजीओ की फंडिंग की भी जांच हो रही है। इसी NGO में ललित झा जनरल सेक्रेटरी हैं। पुलिस ने बताया कि कोलकाता निवासी ललित झा पेशे से शिक्षक है और सुरक्षा में सेंधमारी मामले में मुख्य साजिशकर्ता है। ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे और ऐसा कृत्य करना चाहते थे, जिससे देश का ध्यान उन पर जाए।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे इनका संबंध किसी आतंकी समूह से होने का संकेत मिले। उन्होंने बताया कि सभी छह लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक में भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे।