Bihar: Social Media पर बिहार का एक वीडियो आजकल बहुत वायरल हो रहा है। वीडियो में एक लड़की मनुस्मृति (Manusmriti) को आग लगाकर उससे सिगरेट जलाते हुए नजर आ रही है। वीडियो को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स में बहुत आक्रोश छाया हुआ है।
बिहार का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। इस वीडियो में एक लड़की मनुस्मृति (Manusmriti) को आग लगाते हुए नजर आ रही है। इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर मानो भूचाल आ गया है। लोग वीडियो को तेजी से शेयर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की कमैंट्स आ रही है। जहाँ कुछ लोग इसके पक्ष में है तो कुछ इसका विरोध करते नजर आ रहे है। जहाँ कुछ लोगो ने इस लड़की के समर्थन में कमेंट किया तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस वीडियो में दिखाई दे रही लड़की ने हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाई है।
क्या है पूरा मामला
सबसे पहले जानते हैं कि इस वीडियो में आखिर है क्या? सोशल मीडिया पर इस वीडियो को कई लोगों ने शेयर किया है। वीडियो को अभी तक लाखों बार देखा जा चुका है। इस वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है एक लड़की ने अपने हाथों में सिगरेट ले रखी है। वह जमीन पर रखी मनुस्मृति (Manusmriti) पुस्तक को उठाती है और उसमे आग लगाती है इसके बाद वह उस आग से सिगरेट जलाती है। सिगरेट जलाने के बाद लड़की मुंह से धुआं निकालती है और किताब को चूल्हे में झोंक देती है, और फिर इसी आग से चूल्हे पर माँस पकाती है। इस लड़की का नाम प्रिया दास है।
क्यों जलाई मनुस्मृति?
वीडियो में प्रिया दास कहती है, “मनुस्मृति (Manusmriti) को जलाना सिर्फ सांकेतिक और ये एक तत्कालीन घटना है, उसकी नींव और उद्देश्य बहुत पहले ही बाबा साहेब ने रख दिया था, इसको जलाना किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है बल्कि मेरा मकसद घटिया, पाखंडवाद और ढोंग के विचारों पर वार करना है। “
प्रिया दास ने आगे कहा कि ये किताब बिल्कुल भी सही नहीं है। किताब का अर्थ है उससे शिक्षा मिलना, ज्ञान मिलना… और ये ऐसी किताब है जो लोगों के बीच में ऊंच-नीच, भेदभाव और एक-दूसरे को बांटने का काम करती है। इस किताब का विरोध होना ही चाहिए, ये तो बस एक किताब है, इसका तो अस्तित्व ही मिटाना है।
यूज़र्स का रिएक्शन
यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वॉयरल हो रहा है। इस पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस वीडियो को मिली जुली प्रतिक्रियाए मिल रही है। शुभम शर्मा नाम के यूजर ने वीडियो पर कमेंट किया, “बिहार की प्रिया दास ने मनुस्मृति जलाकर मुर्गा पकाया और फिर जलती हुई मनुस्मृति से अपनी सिगरेट भी सुलगाई। खुलेआम अंबेडकरवादी हिंदुओं के पवित्र धर्म ग्रंथ को अपमानित कर रहे हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यह हिंदुओ के मुंह पर तमाचा मारा जा रहा है। कोई मीडिया नहीं दिखाएगा। ” वहीं @Kushluvkush नाम के यूजर ने लिखा, “प्रिया दास को पूरा समर्थन है, अंबेडकरवादी हैं, धमकी से डरते नहीं हैं। “
स्वामीप्रसाद ने की थी मनुस्मृति को बैन करने की मांग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते कुछ दिनों से मनुस्मृति और रामचरितमानस को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामीप्रसाद मौर्य ने इसको लेकर एक विवादित बयान दे दिया था। उन्होंने कहा था, “…जब तक मुंह, बाहुं, जंघा व पैर से वर्ण पैदा करने वाले मनुस्मृति सहित अन्य तमाम ग्रंथ रहेंगे तब तक जातियां रहेंगी और जब तक जातियां रहेंगी तब तक छुआछूत, ऊंचनीच, भेदभाव व असमानता भी रहेगा, अगर जातियां खत्म करनी ही है, तो पहले विषाक्त ग्रंथ व साहित्य प्रतिबंधित कराएं।”
मनुस्मृति
मनुस्मृति हिन्दू धर्म का एक प्राचीन धर्मशास्त्र (स्मृति) है। यह 1776 में अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले पहले संस्कृत ग्रंथों में से एक था, ब्रिटिश फिलॉजिस्ट सर विलियम जोंस द्वारा, और ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के लाभ के लिए हिंदू कानून का निर्माण करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।