मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जारंगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) भूख हड़ताल तोड़ने को तैयार हो गए हैं। मनोज जारंगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने ऐलान किया है कि वे भूख हड़ताल मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और उदयन राजे भोसले की उपस्थिति में तोडेंगे।
साथ ही मनोज जारंगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने ये भी कहा है कि वह भूख हड़ताल तोड़ेंगे लेकिन आंदोलन की जगह से नहीं हटेंगे। मनोज जारंगे पाटिल ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है और कहा है कि एक महीने में आरक्षण के लिए जो भी जरूरी है वह करें। वहीं 12 अक्टूबर को मनोज जारंगे पाटिल ने मराठा समाज के एक बड़े सभा के आयोजन की घोषणा भी की है।
मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने कहा कि है इस वक्त आरक्षण वक्त की मांग है। वहीं इस आरक्षण की मांग तेज होने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी की है। यह बैठक मुंबई में सहयाद्री गेस्ट हाउस में रखी गई थी। मराठा संगठनों ने इसे लेकर ठाणे बंद भी रखा था, जिसका असर देखने को मिला है।
बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने 10 सितंबर को भूख हड़ताल की मांग को ठुकराते हुए कहा था कि जब तक मराठा समुदाय को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र नहीं दिए जाएंगे तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे लेकिन कुछ शर्तों के साथ मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने आज भूख हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है।
डॉक्टरों की एक टीम मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रही है। डॉक्टरों ने उन्हें भूख हड़ताल पर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रभाव के बारे में बताया और उनसे अनुरोध किया तो मनोज जरांगे ने कहा कि आरक्षण मेरे लिए सबसे बड़ा इलाज है। मराठा आरक्षण के लिए मनोज जारांगे पाटिल ने 29 अगस्त से आंदोलन शुरू किया था।