मनीष सिसोदिया की फिर बढ़ सकती है मुश्किलें

अदालत से मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिल रही है। निचले कोर्ट के साथ- साथ हाईकोर्ट भी उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर चुका है।

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दिल्ली शराब निति घोटाला मामले की सजा काट रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहाँ एक के बाद एक झटके उन्हें मिलते जा रहे हैं। अदालत से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत नहीं मिल रही है। निचले कोर्ट के साथ- साथ हाईकोर्ट भी उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर चुका है। अब इसके बाद उनकी दिक्कतें और भी बढ़ सकती हैं। क्योंकि शराब घोटाले में ही गिरफ्तार एक आरोपी अब सरकारी गवाह बन गया है।

दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला के एक मामले में आरोपी अरबिंदो समूह के शरत चंद्र रेड्डी को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में शरत चंद्र रेड्डी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। बता दें कि, वह सरकारी गवाह बनने वाला दूसरा शख्स है। पिछले साल नवंबर में शराब कारोबारी मामले में एक आरोपी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया था।

आरोपी शरत चंद्र रेड्डी ने अपने वकील के माध्यम से राउज एवेन्यू कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि, इस मामले में उसे सरकारी गवाह बनने दिया जाए। अदालत ने इसकी अनुमति दी और मामले में उन्हें माफ भी कर दिया। ईडी ने पूरक आरोपपत्र में दावा किया था कि, कारोबारी और आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर ने पार्टी नेताओं की ओर से साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। साउथ ग्रुप के प्रमुख व्यक्ति मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुन्टा शरत रेड्डी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता हैं।

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