दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को आज बृहस्पतिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों को तीनों चार्जशीट से जुड़े दस्तावेज दिए जाएं। इसके अलावा आरोपियों को सीबीआई मुख्यालय के मालखाने में रखे हुए दस्तावेजों की जांच के लिए जांच अधिकारी को अर्जी देने का निर्देश दिया। वहीं कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए टाल दी है।
बता दें कि 5 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति ‘घोटाले’ के बारे में सीबीआई और ईडी से सवालों की झड़ी लगा दी थी और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी से पूछा था कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला कैसे बनाया गया। शीर्ष अदालत ने कहा था कि केवल इसलिए कि कुछ लॉबी या दबाव समूहों ने एक निश्चित नीति परिवर्तन की मांग की थी, इसका मतलब यह नहीं है कि भ्रष्टाचार या अपराध हुआ था। जब तक कि रिश्वतखोरी का कोई तत्व शामिल न हो। मनीष सिसदिया को 26 फरवरी को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं।
ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह एक ‘हाई-प्रोफाइल’ व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
3 जुलाई को, उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह मानते हुए कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति’ के हैं। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।