अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर है और इसी बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख सुनिश्चित की गई है प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। ऐसे में इस कार्यक्रम का आरंभ 17 जनवरी से ही हो जाएगा।
जानकारों के अनुसार भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में लगभग सात हजार विशेष अतिथि और चार हजार संतों की मौजूदगी में यह कार्यक्रम पूर्ण होगा। इसके बाद 48 दिनों तक मंगल पूजन किया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि मंगल पूजा क्या होती है तो आइए जानते है।
क्या होती है मंडल पूजा—
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी और इसके बाद यानी 24 जनवरी से मंडल पूजन का आयोजन किया जाएगा। जो कि पूरे 48 दिनों तक चलेगी। वही 23 जनवरी से आम भक्त भी रामलला के दर्शन कर पाएंगे। बता दें कि मंडल पूजा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो कि दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है। यह पूजा 41 दिनों से 48 दिनों तक की होती है।
मंडल पूजा में प्रतिदिन रामलला का रजत कलशों के द्रव से अभिषेक होगा। साथ ही विद्वानों द्वारा चतुर्वेद और दिव्य ग्रंथों का पारायण भी किया जाएगा। मंडल पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है मान्यता है कि इस पूजन के दौरान अगर सभी नियमों और विधियों का पालन किया जाए तो भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और कृपा करते हैं प्रभु राम भी श्री हरि के ही अवतार है। ऐसे में अयोध्या राममंदिर में मंडल पूजन कराने का निर्णय किया गया है।