पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में बुधवार को एक कार्यकर्ता को अपनी मां के शव को ले जा रहे एक व्यक्ति का वीडियो बनाने और उसे अपने घर ले जाने में मदद करने के बाद हिरासत में लिया गया। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पिछले बृहस्पतिवार को हुई इस घटना से राज्य में हंगामा मच गया जब अपनी 72 वर्षीय मां के शव को अपने कंधों पर लेकर चलने का राम प्रसाद दीवान नामक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
दीवान ने कहा कि उन्हें जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से अपनी मां लक्खी रानी के शव को पैदल घर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि एंबुलेंस संचालकों ने 40 किलोमीटर की दूरी के लिए 3,000 रुपये मांगे थे। हालांकि कार्यकर्ता अंकुर दास को इसका पता चल गया और उन्होंने परिवार की मदद करते हुए मुफ्त एंबुलेंस सेवा के जरिए उन्हें क्रांति गांव में स्थित घर पहुंचवाया।
राम प्रसाद दीवान को किया गिरफ्तार
दास को बुधवार को कोतवाली थाने में एंबुलेंस संचालक संघ की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि दास ने परिवार को शव के साथ 300 मीटर तक चलने के लिए मजबूर करके राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश रची और उसका वीडियो बना लिया। जबकि उनका वाहन शव को ले जाने की प्रतीक्षा कर रहा था।
पुलिस अधीक्षक बिस्वजीत महतो ने कहा कि आईपीसी की धारा 500, 34 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने घटना के संबंध में कुछ पत्रकारों से भी पूछताछ की है। इससे पहले दास ने आरोप लगाया था कि एंबुलेंस संचालक मुफ्त सेवा देने वालों को अस्पताल के पास नहीं जाने देते। दीवान के परिवार ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने पुलिस को सूचित किया है कि दास ने शव को घर ले जाने में उनकी मदद की थी।
इस बीच घटना की जांच के लिए सरकारी अस्पताल द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य (एमएसवीपी) कल्याण खान ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समिति ने अस्पताल के तीन सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई की सिफारिश की है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।