चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर मल्लिकार्जुन खरगे ने कही ये बात

मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने दावा किया कि अगर संस्थाओं की बर्बादी को नहीं रोका गया तो लोकतंत्र पर तानाशाही का कब्जा हो जाएगा।

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कांग्रेस ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल (Arun Goyal) के इस्तीफे को भारतीय लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने इस घटनाक्रम के बारे में स्पष्टीकरण दिए जाने की बात कही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने दावा किया कि अगर संस्थाओं की बर्बादी को नहीं रोका गया तो लोकतंत्र पर तानाशाही का कब्जा हो जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। क्यों?’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि ‘जैसा कि मैंने पहले कहा है, यदि हम अपने स्वतंत्र संस्थाओं की सुनियोजित बर्बादी को नहीं रोकते हैं, तो तानाशाही द्वारा हमारे लोकतंत्र पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग अब ध्वस्त होने वाली आखिर की संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और उचित स्पष्टीकरण देना चाहिए।’

वहीं कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी कहा कि निर्वाचन आयोग के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। के सी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेहत के लिए यह बेहद चिंताजनक बात है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है। निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है? इसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है।’

कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डालती है। के सी वेणुगोपाल ने दावा किया कि ‘2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री को क्लीन चिट देने के खिलाफ असहमति जताई थी। बाद में, उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा। यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है।’ उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को स्पष्ट किया जाना चाहिए और आयोग को हर समय पूरी तरह से गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए।

बता दें कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। अरुण गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं।