लोकसभा से निष्कासित होने के बाद महुआ मोइत्रा ने कही ये बात

एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विजय सोनकर ने 500 पेज की रिपोर्ट पेश की। कैश फॉर क्वेरी केस में कमिटी की रिपोर्ट में टीएमसी सांसद महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।

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रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म हो गई है। लोकसभा में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ। हालांकि, महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया।

वोटिंग के बाद लोकसभा स्पीकर ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया। लोकसभा की सदस्यता खोने के बाद महुआ मोइत्रा ने विपक्षी सांसदों के साथ संसद में विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया।’

लोकसभा में आज यानि शुक्रवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। दोपहर 12 बजे एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विजय सोनकर ने 500 पेज की रिपोर्ट पेश की। कैश फॉर क्वेरी केस में कमिटी की रिपोर्ट में टीएमसी सांसद महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है। कमिटी ने इसके साथ ही इस मामले को गंभीर बताते हुए कानूनी जांच की मांग की है।

लोकसभा से निष्कासित होने पर महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘मुझे उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है। एथिक्स कमिटी मुझे उस बात की सजा दे रही है, जो लोकसभा में सामान्य और स्वीकृत है। साथ ही जिसे प्रोत्साहित किया गया है।’

महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘एथिक्स कमिटी के निष्कर्ष पूरी तरह से दो व्यक्तियों की लिखित गवाही पर आधारित हैं, जिनके कथन असल में एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे खिलाफ पूरा मामला लॉगिन क्रिडेंशियल शेयर करने पर आधारित है, लेकिन इस पहलू के लिए कोई नियम तय नहीं है। सांसद आम जनता के सवालों को संसद तक पहुंचाने में ब्रिज की भूमिका निभाते हैं। मुझे बिना सबूत के सजा दिया गया।’