12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि होती है सबसे महत्वपूर्ण, जाने क्यों ?

शिवरात्रि को मानने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिसमे माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ था। और अगर पौराणिक कथाओं की माने तो महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव व पार्वती जी का इसी दिन विवाह हुआ था।

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हिन्दू धर्म में से एक सबसे महत्व पूर्ण त्योहार है। जो भगवान शिव को समर्पित किया गया है। जी हां हम शिवरात्रि की ही बात कर रहे है शिवरात्रि का यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। शिवरात्रि को मानने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिसमे माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ था। और अगर पौराणिक कथाओं की माने तो महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव व पार्वती जी का इसी दिन विवाह हुआ था।

धार्मिक कारण शिवरात्रि के

महाशिवरात्रि को शंकर और पार्वती जी के विवहाउत्सव के रूप में भी मनाया जाता है इसी वजह से साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।भगवान शिव को यह दिन विशेष पूजा और भक्ति के लिए समर्पित किया गया है। इसके अलावा, इस त्योहार को मनाने से हमें नैतिकता, ध्यान, और ध्यान की महत्वता का आदर्श भी मिलता है। यह एक धार्मिक उत्सव होने के साथ-साथ, समाज में एकता, और शांति का संदेश भी लेकर आता है।

महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से होते है ये बदलाव

शिवरात्रि के दिन, लोग व्रत रखते हैं, भजन और कीर्तन कर ध्यान करते हैं, और मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं तो इस दिन उपासना को अत्यंत परोपकारी भी कहा जाता है इस त्योहार के माध्यम से हम अपने मन, शरीर, और आत्मा को शुद्धि प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।