ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे के बाद अब इसके कारणों की जांच चल रही है। रेलवे संचालन और व्यापार विकास बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) ने रविवार को बताया कि, हादसे के कुछ देर बाद तक कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) के लोको पायलट होश में थे और उन्होंने बताया था कि, उन्हें ग्रीन सिग्नल मिला था। जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) ने बताया कि, उन्होंने भी लोको पायलट से बात की थी और लोको पायलट ने उन्हें भी ग्रीन सिग्नल मिलने की बात बताई थी। हालांकि, बाद में लोको पायलट की हालत बिगड़ गई और फिलहाल वह हॉस्पिटल में भर्ती है।
मालगाड़ी के लोको पायलट और उसके गार्ड की जान बच गई
हादसे का शिकार हुई कोरोमंडस एक्सप्रेस (Coromandel Express) के लोको पायलट जीएन मोहंती (GN Mohanty) थे और असिस्टेंट लोको पायलट हजारी बेहरा (Hazari Behera) थे। दोनों गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है। वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) ने जिस मालगाड़ी को टक्कर मारी उसके गार्ड की जान किस्मत से बच गई। दरअसल लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी के पीछे से कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी। आमतौर पर मालगाड़ी के आखिरी डिब्बे में गार्ड मौजूद होता है लेकिन चूंकि मालगाड़ी लूपलाइन में थी तो ना ही ड्राइवर और ना ही गार्ड ट्रेन में मौजूद थे। इस वजह से जब कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी तो मालगाड़ी के लोको पायलट और उसके गार्ड की जान बच गई।
सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ
वही, शुरुआती जांच में यह बात निकलकर सामने आ रही है कि हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट की गलती नहीं थी। बल्कि सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ। गलत सिग्नल की वजह से ही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस की कुछ बोगियां डाउन लाइन से गुजर रही बेंगलुरु एक्सप्रेस (Bengaluru Express) से टकरा गईं।
बेंगलुरु एक्सप्रेस के टीटी ने बताया कि, उन्हें कुछ तेज झटका महसूस हुआ था लेकिन वह समझ नहीं पाए कि यह क्या था। बेंगलुरु एक्सप्रेस के ए-1 कोच के बाद के दो जनरल डिब्बे और गार्ड का कोच हादसे की चपेट में आए और पटरी से उतर गए।
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