कौशाम्बी: जिले में शिक्षा माफिया व विभागीय अफसरों का गठजोड़ फिर दिखने लगा है। जिन विद्यालयों के पास भवन नहीं है, अध्यापक नहीं है, उन्हें भी परीक्षा केंद्र (Board examination) बना दिया गया है। फर्जी अध्यापकों की सूची पर बोर्ड परीक्षा कराए जाने की तैयारी शुरू है। यूपी बोर्ड परीक्षा में सेंटर बनाने में मानक की जमकर अनदेखी की गई है। आरोप है साल भर ताला लटकने वाले विद्यालयों के साथ दागी विद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र (Board examination) बनाया गया है। इससे बोर्ड परीक्षा की सूचिता पर फिर सवाल उठने लगे है। मानक विहीन विद्यालयों में सेंटर बनाने के एवज में जमकर वसूली हुई है।
सीएम का फरमान भी बेईमानी साबित हुआ
सूबे की योगी सरकार नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए लगातार नए फार्मूले आजमा रही है। साथ ही अफसरों को बोर्ड परीक्षा पारदर्शी तरीके से कराने का निर्देश दिया है। लेकिन कौशाम्बी में शिक्षा माफियाओं से विभागीय अफसरों के गठजोड़ के चलते सीएम का फरमान भी बेईमानी साबित हो रहा है। आरोप है कि डीआइओएस का एक बाबू ताला बंद व मानक विहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र (Board examination) बनाने के एवज में मोटी रकम वसूला है। सूत्र बताते है कि बोर्ड परीक्षा केंद्र (Board examination) बनाने व मनमाफिक छात्र संख्या देने के एवज में तीन लाख रुपये तक की वसूली की गई है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। हर बार सेंटर बनाने के एवज में वसूली की जाती है।अंधेरगर्दी की हद तो तब हो गई जब दागी एवं ताला बंद विद्यालयों में सेंटर बना दिया गया है। पिछली बार सिराथू के पारास स्थित एक विद्यालय में कापी लिखाने को लेकर जमकर बवाल हुआ था। आरोप है कि बाद में लेनदेन कर विभागीय अफसरों ने क्लीनचिट दे दिया था। इस बार फिर से उस विद्यालय को परीक्षा केंद्र (Board examination) बनाया गया है। इसी तरह कई मानक विहीन विद्यालयों में सेंटर बनाया गया है। इससे तमाम विद्यालय संचालकों में रोष है। सूत्रों की माने तो दागी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना कर शिक्षा माफिया और शिक्षा अधिकारी प्रत्येक वर्ष करोड़ो का खेल खेलते हैं।