भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षक थे जिनकी मृत्यु डेढ़ वर्ष की आयु में हो गई थी। उनका पालन-पोषण उनकी मां ने अन्य भाई-बहनों के साथ उनके पिता के घर में किया।
शास्त्री जी ने अपनी शिक्षा हरीश चंद्र हाई स्कूल और पूर्व मध्य रेलवे, एक इंटर कॉलेज में पूरी की। लाल बहादुर शास्त्री ने बड़े होने के साथ ही विदेशी जुए से आजादी के लिए देश के संघर्ष में रुचि लेना शुरू कर दिया था। उन्हें उनके नारे ‘जय जवान जय किसान’ के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। वह महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित थे। साथ ही, उनकी जन्मतिथि महात्मा गांधी की जयंती के साथ मेल खाती है।
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु:
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की समाप्ति के लिए शांति संधि पर हस्ताक्षर किए जाने के ठीक एक दिन बाद 11 जनवरी, 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करने का अवसर है। मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया था। लेकिन शास्त्री परिवार ने जहर देने का दावा किया था। इस साल शास्त्री की मौत की 57वीं बरसी है और उनकी मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई है।
लाल बहादुर शास्त्री के बारे में रोचक तथ्य:
- 1925 में काशी विद्यापीठ, वाराणसी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री को ‘शास्त्री’ की उपाधि मिली। ‘शास्त्री’ शीर्षक एक ‘विद्वान’ या पवित्र शास्त्रों में निपुण व्यक्ति को संदर्भित करता है।
- 15 अगस्त, 1947 को वे पुलिस और परिवहन मंत्री बने। उन्हीं के कार्यकाल में पहली बार महिला बस कंडक्टरों की नियुक्ति हुई थी।
- उन्हें 1966 में मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न मिला।
- जब वह एक रेल मंत्री थे, तब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एक रेल दुर्घटना के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराते हुए, जिसमें कुछ लोगों की जान चली गई थी।
- उन्होंने भारत में श्वेत और हरित क्रांति को बढ़ावा दिया जिसने गुजरात में अमूल दुग्ध सहकारी समिति का समर्थन करके और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड बनाकर दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मदद की।
- 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान जब देश भोजन की कमी का सामना कर रहा था, तब लाल बहादुर शास्त्री ने अपना वेतन नहीं लिया था।
भारत के दूसरे प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा उद्धरण:
- हम न केवल अपने लिए बल्कि पूरे विश्व के लोगों के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं।
- सच्चा लोकतंत्र या जनता का स्वराज कभी भी असत्य और हिंसक तरीकों से नहीं आ सकता।
- शासन का मूल विचार, जैसा कि मैं इसे देखता हूं, समाज को एक साथ रखना है ताकि यह विकास कर सके और कुछ लक्ष्यों की ओर अग्रसर हो सके।
- यदि हमें प्रगति करनी है तो हमें मिलकर काम करना सीखना होगा।