Ranapur: आज सुबह 11:00 बजे के करीब सरकारी अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुछ छात्रावास की लड़कियां लाई गई, जो एक अजीब बीमारी से जूझ रही थी। जब हमें सूचना मिली तो हमें शुरू में ऐसा लगा कि जैसे उनके साथ फ़ूड प्वाइजनिंग हुई हो, परंतु जब इस मामले को संज्ञान में लिया गया तब मामला कुछ और ही निकला।
राणापुर (Ranapur) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक जांच टीम राणापुर (Ranapur) से 15 किलोमीटर दूर झंझारवा गांव भेजी गई, जहां जांच टीम ने बच्चियों से बातचीत की और उनके पोषक आहार के बारे में जानकारी ली तो कुछ कमी पाई गई। उन्होंने बताया कि बच्चों में कुछ पोषक आहार की कमी है, जिसे पूर्ण किया जाए। साथ ही नवी दसवीं के बच्चों के लिए एग्जाम समय चल रहा है, तो इसका एक कारण प्रेशर होना भी हो सकता है।
हमारे द्वारा पूछे जाने पर जाँच टीम ने बताया कि फ़ूड प्वाइजनिंग की कोई समस्या नहीं है। इसका एक अन्य कारण उनके द्वारा भोजन न खाया जाना बताया गया। एग्जाम देने के तुरंत बाद उनके साथ इस प्रकार की घटना हुई। कुल 7 बच्चियों है, जिसमें से पांच बच्चियों को राणापुर हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। दो बच्चियों की तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब है। उन्हें 108 द्वारा राणापुर या झाबुआ रेफर किया जाएगा।
बच्चियों ने हमसे बात करके हमें बताया कि शाम को 8:00 बजे के बाद नवी और दसवीं क्लास के बच्चों के साथ कुछ समस्याएँ होती है। उनकी बॉडी वाइब्रेट होती है और वह चिल्लाने लग जाती है। आखिर बच्ची कौन सी बीमारी से जूझ रही है? यह जांच का विषय है।
हॉस्टल प्रबंधक का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। हम बच्चियों को उनके मेनू के आधार पर भोजन प्रदान करते हैं। बच्ची कुछ खुलकर नहीं बता रही है।दो-चार बच्चिया इस प्रकार की बीमारी से ग्रसित है। अब हम किस प्रकार से इनकी जांच करें, उनकी बीमारी का निवारण करें।
आखिर कौन सी बीमारी है जो बच्चों में एक डर और भय पैदा कर रही है। हम वहां पहुंचे तो बच्चे काफी भय मे थे। हमें किसी प्रकार की कोई फ़ूड प्वाइजनिंग जैसा कुछ नहीं लगा। आखिर यह सोचने का विषय है कि यह कौन सी बीमारी है? जिससे बच्चियाँ इतनी हताहत हो रही है। उनमें एक डर का माहौल है।