जाने क्या है April Fool’s Day का इतिहास?

लोग इस दिन अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ मजाक करते हैं, उन्हें मूर्खतापूर्ण चुटकुले सुनाते हैं।

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1 अप्रैल को हर वर्ष ‘अप्रैल फूल डे’ (April Fool’s Day) मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है, जो हंसी-मजाक और मस्ती से भरा होता है। लोग इस दिन अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ मजाक करते हैं, उन्हें मूर्खतापूर्ण चुटकुले सुनाते हैं और साथ में इस दिन को मस्ती भरे अंदाज में मनाते हैं। जब वे मजाक करने में सफल होते हैं तो ‘अप्रैल फूल’ बोलते है। अप्रेल फूल डे (April Fool’s Day) मनाने की कई दिलचस्प कहानियां है। तो आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें।

जाने क्यों लोग मनाते अप्रैल फूल डे?

कुछ लोगों का मानना है कि यह दिन प्राचीन रोमन त्योहार ‘हिलारिया’ से जुड़ा हुआ है, जो 25 मार्च को मनाया जाता था। इस त्योहार के दौरान लोग मजाक करते थे और एक-दूसरे को मूर्ख बनाते थे। कई लोगों का मानना है कि ‘अप्रैल फूल डे’ की शुरुआत 16वीं शताब्दी में फ्रांस में हुई थी। इस दिन फ्रांस में नया साल 1 अप्रैल को मनाया जाता था।

April Fool's Day

1582 में, फ्रांसीसी राजा चार्ल्स IX ने नया साल 1 जनवरी को मनाने का फैसला किया। कुछ लोग इस बदलाव को स्वीकार नहीं कर सके और वे 1 अप्रैल को ही नया साल मनाते रहे। इन लोगों को ‘अप्रैल फूल’ कहा जाता था। धीरे-धीरे अप्रैल फूल डे मनाने का चलन पूरी दुनिया में फैल गया। यह एक ऐसा लोकप्रिय दिन है, जो मजाक और हंसी-मजाक से जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग कई तरह के मजाक करते हैं। कुछ लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों को झूठी खबरें सुनाते हैं, तो कुछ लोग उन्हें मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए भेजते हैं। तो वही लोग अपने घरों और कार्यालयों को सजाते हैं और अप्रैल फूल डे (April Fool’s Day) की पार्टी आयोजित करते हैं।

जाने कैसे हुई इण्डिया में इसकी शुरुआत?

भारत में अप्रैल फूल डे (April Fool’s Day) मनाने की शुरुआत 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा हुई थी। उस समय भारत में अंग्रेजों का शासन था और वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को भारत में ला रहे थे, अप्रैल फूल डे भी उनमें से एक था। धीरे-धीरे यह दिन भारत में लोकप्रिय हो गया और लोग इसे मनाने लगे।