जाने सुशील कुमार मोदी का राजनीतिक करियर

सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था।

0
14

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का निधन हो गया। मिली जानकारी के मुताबिक वो कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन के साथ ही बिहार की राजनीति का एक अध्याय भी समाप्त हो गया। सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था।

बिहार की राजनीति में क़रीब पांच दशक से सुशील कुमार मोदी ने अहम भूमिका निभाई। उनके निधन पर देश के तमाम नेता दुख जाहिर कर रहे हैं। हर नेता की तरह सुशील मोदी का राजनीतिक करियर भी कई उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा है। आईये जानते है सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) की कहानी।

सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) की छात्र राजनीति की शुरुआत साल 1971 में हुई। साल 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने थे। 1990 में सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) सक्रिय राजनीति में आए, वो पहली बार पटना मध्य निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और उन्हें भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया।

सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने 2005 में अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए, जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, वो 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए और इस साल की शुरुआत में सेवानिवृत्त हुए। वो लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद सहित सभी 4 सदनों के सदस्य रहने वाले बिहार के चंद नेताओं में से एक थे।

सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने साल 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद भी संभाला। कुछ वक्त राज्य के वित्त मंत्री पद को भी संभाला। साल 2004 में उन्होंने भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया और विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्होंने पार्टी में भी अलग-अलग जिम्मेदारी निभाईं, पार्टी की तरफ से उन्हें राज्यसभा भेजा गया।

सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) को भी लालू यादव और नीतीश कुमार की तरह जेपी आंदोलन की देन माना जाता है। जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने पोस्ट ग्रैजुएशन में पटना विश्वविद्यालय में दाख़िला लेकर पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। आपातकाल में वे 19 महीने जेल में भी रहे। साल 1977 से 1986 तक उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने साल 1990 में पहली बार पटना सेंट्रल से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद उनका राजनीतिक करियर ग्राफ ऊपर चढ़ता गया। सुशील मोदी देश के उन नेताओं में शामिल रहे है, जो चारों सदन के सदस्य रहे हैं।