जाने कैसे ‘AIDS Vaccine Day’ की हुई थी शुरुआत?

पहला विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day) 1998 में मनाया गया था।

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हर वर्ष 18 मई को ‘विश्व एड्स वैक्सीन दिवस’ (World AIDS Vaccine Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को एचआईवी (HIV) की रोकथाम और एड्स के टीके के अनुसंधान के बारे में शिक्षित करना भी है। यह उन तरीकों पर भी ध्यान दिलाता है जिनसे व्यक्ति इस महामारी को समाप्त करने के वैश्विक प्रयास का हिस्सा बन सकते हैं।

जाने कब पहली बार यह दिवस मनाया गया था

बता दे कि पहला विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day) 1998 में मनाया गया था, जो 1997 में किए गए पहले अंतर्राष्ट्रीय एड्स वैक्सीन परीक्षण की वर्षगांठ थी। विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day) की स्थापना 1997 में पेरिस में विश्व एड्स वैक्सीन सम्मेलन में एक प्रस्ताव के बाद की गई थी। जिसमें एचआईवी वैक्सीन के चल रहे विकास का समर्थन करने के लिए एक वार्षिक दिवस की पैरवी की गई थी।

शुरुआत में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (एनआईएआईडी – NIAID), यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच – NIH) का हिस्सा, और एड्स वैक्सीन बनाने के लिए प्रतिबद्ध अन्य संगठनों द्वारा आयोजित, इस दिन का उद्देश्य वैक्सीन अनुसंधान को बढ़ावा देना और उसमें तेजी लाना है।

जाने इस दिवस का महत्व

विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day), एचआईवी (HIV) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और वायरस के खिलाफ एक प्रभावी वैक्सीन के विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। यह दिन याद दिलाता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय महामारी से लड़ने और एचआईवी से पीड़ित लोगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही इस दिन का उद्देश्य जीवन की रक्षा के लिए एचआईवी दवाओं के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है।

जाने क्‍या होता है एड्स

बता दे कि एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। जिस वायरस से एड्स होता है, उसे एचआईवी कहते हैं। एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो सीधे व्यक्ति के इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है और उसे बेहद कमजोर बना देता है। एचआईवी से पीड़ित मरीज के शरीर में तेजी से व्हाइट ब्लड सेल्स कम होना शुरू हो जाते हैं और उसका शरीर अन्‍य बीमारियों से बचाव में असमर्थ हो जाता है। ऐसे में एड्स के अलावा तमाम अन्‍य रोग भी उसे तेजी से चपेट में लेते हैं और व्‍यक्ति की स्थिति खराब होने लगती है कि वो मौत की दहलीज पर पहुंच जाता है।

जाने इसके लक्षण

  • इसमें मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना
  • अचानक वजन कम होना
  • तेज बुखार और लगातार खांसी
  • अत्यधिक थकान
  • शरीर से अधिक पसीना निकलना
  • बार-बार दस्त लगना
  • शरीर में खुजली और जलन
  • गले, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें पड़ना
  • निमोनिया और टीबी आदि।