Delhi: राजनीतिक गलियों से आये दिन कोई न कोई खबर सामने आती रहती है। जहाँ इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लेकर खबर सामने आयी है। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है। इस चिठ्ठी में अरविन्द केजरीवाल ने लिखा है कि, देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का बजट रोका गया है। आप हम दिल्ली वालों से क्यों नाराज हैं? प्लीज दिल्ली बजट मत रोकिए। दिल्ली वाले आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं हमारा बजट पास कर दीजिए।
प्रजातंत्र का मज़ाक उड़ाया जा रहा है: सौरभ भारद्वाज
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दावा किया है कि, केंद्र सरकार ने दिल्ली के बजट पर सोमवार की शाम रोक लगा दी। अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि, इंडिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा है कि कल सुबह दिल्ली का बजट नहीं आएगा।
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि, “मुझे याद नहीं पड़ता कि हिंदुस्तान या पूरी दुनिया के इतिहास में ऐसा हुआ हो कि बजट आना हो और केंद्र सरकार बजट रोक दें। ये शर्मनाक है, प्रजातंत्र का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। जी-20 के देश भारत में आ रहे हैं, वो क्या देखते होंगे। इसमें उन्होंने पूछा है कि आप हम दिल्लीवालों से क्यों नाराज हैं?”
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अरविन्द केजरीवाल सरकार के बजट पर रोक लगा दी है और इसे मंगलवार को विधानसभा में पेश नहीं किया जाएगा। अरविन्द केजरीवाल की तरफ से केंद्र की आलोचना करने के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि, मंत्रालय ने आप सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन है और बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित है।
आप सरकार ने अब तक हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है: गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि, “आप सरकार ने अब तक हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है।” आम आदमी पार्टी सरकार के सूत्रों ने इन आरोपों को झूठ बताया है। उन्होंने दावा किया कि कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए हैं और सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञापन के लिए आवंटन राशि पिछले साल के बजट के समान ही है।
उपराज्यपाल के कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, एलजी ने 2023-2024 के वार्षिक वित्तीय विवरण को नौ मार्च को कुछ टिप्पणियों के साथ मंजूरी दी और फाइल मुख्यमंत्री को भेजी थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की स्वीकृति मांगी थी जो कानून के तहत आवश्यक है। गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को दिल्ली सरकार को अपनी टिप्पणियों से अवगत कराया। वही दिल्ली विधानसभा में बजट कब पेश किया जाएगा, इस पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है। विधानसभा का मौजूदा बजट सत्र 23 मार्च को समाप्त होने वाला है।