Kaushambi: जिले में पुलिस विभाग में घूसखोरी का काम रुकता नहीं दिख रहा है। पूरे दिन थाना पुलिस चौकियों में वसूली का खेल चलता है। संगठित अपराध से तो बेखौफ तरीके से पुलिसकर्मियों द्वारा वसूली की जाती है लेकिन अधिकारी घूसखोरी के मामले में साक्ष्य सबूत मांगने लगते हैं। लेनदेन करने वाले सहमत होते हैं तो सबूत कैसे एकत्रित होंगे जिससे घूसखोरी में लिप्त पुलिसकर्मियों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती और पुलिस कर्मियों के मनोबल बढ़ जाते हैं।
कुछ मामले में सबूत एकत्रित होते हैं तो एक दो मामलों में कार्यवाही कर दी जाती है लेकिन इक्का-दुक्का कार्यवाही होने के बाद कैसे घूसखोर पुलिसकर्मियों का मनोबल टूटेगा, यह गहन मंथन का विषय है। ताजा मामला पिपरी थाना क्षेत्र के तिल्हापुर का है।
वायरल वीडियो में एक पीड़ित व्यक्ति से एक उपनिरीक्षक लेन-देन कर रहे हैं। वीडियो में उपनिरीक्षक रुपए गिनते देखे जाते हैं। एक पीड़ित व्यक्ति से घूस की रकम लेते, लेनदेन करके रुपए गिनते वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि अखंड भारत संदेश समाचार पत्र वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
अब सवाल उठता है कि योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त निर्देश का पालन कौशांबी में कैसे होगा? क्या सरकार के निर्देश के बाद घूसखोरी बंद कराने के लिए वीडियो फोटो सबूत एकत्रित करना जरूरी है? क्या गोपनीय तरीके से घूसखोरी की जांच कराकर घूसखोर पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर उनको दंडित करने का प्रयास नहीं किया जाएगा?