कौशांबी: टेवा चौकी पुलिस की वसूली से कलंकित हो रही पुलिस वर्दी

अवैध वसूली में लिप्त दीवान पड़ रहा है चौकी प्रभारी पर भारी

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कौशांबी: जनपद मुख्यालय मंझनपुर कोतवाली के पुलिस चौकी टेवा (Teva Chowki) के सिपाही, दिवान और चौकी इंचार्ज इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि उन्हें अवैध वसूली से फुर्सत नहीं है। सुबह से देर रात तक केवल एक सूत्रीय फार्मूला लेकर चौकी इंचार्ज और सिपाही वसूली में मशगूल रहते हैं। बालू लदे ट्रक, ट्रैक्टर, डम्फर वाहनों से लेकर अनाज लेकर जाने वाले वाहन से दिन रात पुलिस वसूली में मशगूल दिखाई पड़ रही है। ओवरलोड चलने वाले विक्रम और प्राइवेट बसों से वसूली के लिए टेवा चौकी (Teva Chowki) पुलिस बीते चार दशक से बदनाम है। पुरानी प्रथा स्थानांतरण के बाद भी नहीं बंद हो पाती है। आखिर क्या वजह है कि चार दशक पूर्व शुरू हुआ वसूली का खेल बार-बार स्थानांतरण के बाद भी नहीं बंद हो सका है?

पुलिस चौकी क्षेत्र में लकड़ी माफियाओं की बल्ले-बल्ले है। दिनदहाड़े हरे फलदार पेड़ काटे जा रहे हैं, लेकिन चौकी पुलिस तमाशबीन बनी हुई है। संगठित अपराध फल फूल रहा है। साठगांठ की बात करो तो चौकी पुलिस भड़क जाती है। अवैध तरीके से शराब की भट्ठियाँ संचालित हो रही हैं, लेकिन चौकी पुलिस अवैध शराब भट्टी के संचालन को बंद नहीं करा पा रही है। इलाके में संगठित अपराध चरम पर फल फूल रहा है। इलाके में जुए के अड्डे और गांजा की बिक्री भी आम बात हो गई है।

दीवान है सरगना

चर्चाओं पर जाए तो अवैध वसूली की रकम एक दीवान के पास पहुंच रही है। अपराधियों और संगठित अपराध से जुड़े लोगों से सांठगांठ कर उनके धंधे को बढ़ावा देकर दीवान ने कुछ समय में अकूत संपत्ति अर्जित की है, जिसकी विभागीय जाँच कराए जाने की जरूरत है। चौकी में तैनात खाकी पूरे दिन दलाल और माफियाओं से घिरी रहती है। जिससे फरियादियों और पीड़ितों को इस पुलिस चौकी में न्याय नहीं मिल पा रहा है। चर्चाओं पर जाएं तो चौकी इंचार्ज भी दीवान की वसूली के आगे नतमस्तक दिखाई पड़ रहे हैं, जिससे संगठित अपराध में लगे लोगों पर चौकी पुलिस कठोर कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

एक तरफ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संगठित अपराध के ना रुकने वाले क्षेत्र के थानेदार और चौकी इंचार्ज जिम्मेदार होगे और थानेदार चौकी इंचार्ज पर कठोर कार्रवाई होगी लेकिन दूसरी तरफ टेवा पुलिस चौकी (Teva Chowki) क्षेत्र में संगठित अपराधों की बाढ़ आने के बाद भी चौकी इंचार्ज समेत दीवान सिपाहियों को अभी तक निलंबित नहीं किया गया है। आखिर बार-बार स्थानांतरण के बाद भी संगठित अपराध का ना बंद होना किस ओर इशारा कर रहा है? इस बारे में भी इलाके की जनता चर्चा कर रही है। क्षेत्र के लोगों ने पुलिस अधिकारियों से उम्मीद लगाई हैं कि संगठित अपराध में लिप्त चौकी पुलिस को निलंबित कर अवैध वसूली में लिप्त रहने वाले चौकी पुलिस के कारनामों की जाँच कर इन पर विभागीय कार्रवाई की जाए। तभी इलाके से संगठित अपराध पर रोक लग सकती है।