कौशाम्बी: श्रीमद् भागवत कथा को लेकर निकाली गई कलश यात्रा

जिसमें कई महिलाओं व पुरुषों ने गेरुआ रंग का वस्त्र धारण कर बाजे गाजे के साथ कई देवस्थान पहुंचकर पूजा की।

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Kaushambi News: यूपी के कौशाम्बी सिराथू तहसील क्षेत्र की ग्राम सभा लक्ष्मीपुर मे श्रीमद् भागवत कथा को लेकर बुधवार को कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें कई महिलाओं व पुरुषों ने गेरुआ रंग का वस्त्र धारण कर बाजे गाजे के साथ कई देवस्थान पहुंचकर पूजा की। इसके बाद कथा का शुभारंभ किया गया।

कलश यात्रा कथा स्थल से निकलकर मसूरिया माता के मंदिर पहुंची। यात्रा में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु पीताम्बर वस्त्र धारण कर व सिर पर कलश लेकर शामिल हुए। कथा स्थल पर हवन पूजन किया गया। कथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास -परम् पूज्य धनञ्जय दास जी महाराज (मालूकपीठ वृन्दावन) ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है।

इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से मुक्त होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।

पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। कथा मे मुख्य रूप से परम् पूज्य पुरसोत्तम दास जी महाराज अयोध्या धाम, आचार्य श्री सत्यनरायण जी उड़ीसा, आचार्य सुनील जी संस्कृत विद्यालय मंझनपुर, राजु ओझा एडवोकेट, आदि मौजूद रहे।