Kaushambi: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सुष्पेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में विशेष संचारी रोग नियन्त्रण एवं दस्तक अभियान के सफल संचालन के लिए द्वितीय जनपद स्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक हुई। इस बैठक में अफसर सोते रहे। लोगों ने सवाल उठाया है कि सोते हुए अफसर से मीटिंग कैसे सफल होगी। मीटिंग के समय सोने वाले अफसर आखिर कौन सी इंपॉर्टेंट मीटिंग आधी रात को करते हैं, जिससे उनकी रात को नींद नहीं पूरी होती है और दिन में मीटिंग के समय महत्वपूर्ण मीटिंग को छोड़कर उन्हें मीटिंग हाल में सोना पड़ता है।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी ने अब तक की गई तैयारियों की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि अवशेष रह गये सफाई कर्मियों, ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं आशा को प्रशिक्षण/कार्यशाला का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारियों एवं सम्बन्धित अधिकारियों से कहा कि कौशाम्बी जनपद (Kaushambi) में डेगूॅ एवं संचारी रोगों से सम्बन्धित हॉट-स्पॉट क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए साफ-सफाई, एण्टीलार्वा का छिड़काव एवं फागिंग नियमित रूप से करायी जाय। उन्होंने प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का आभा आईडी (आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट) बनाया जाय। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों से कहा कि संचारी रोग नियन्त्रण रोग अभियान के तहत माइक्रो प्लॉन के अनुसार सभी गतिविधियॉ/कार्यवाही की जाय तथा आमजन को संचारी रोगों के प्रति जागरूक भी किया जाय।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि आमजन को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया जाय कि मच्छरों से बचाव के लिए दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवायें, नियमित मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छररोधी उपाय अपनायें, अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा न होने दें, पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रखें, पूरी बॉह वाली कमीज पैन्ट और मोजे पहनें, घर और कार्य स्थल के आस-पास पानी जमा न होने दें, कूलर व गमलों आदि को सप्ताह में खाली कर सुखाने एवं गड्ढ़ों में जहॉ पानी इकट्ठा हो, उसे मिट्टी से भर दें आदि के प्रति जागरूक किया जाय।
इसी प्रकार संक्रामक रोगों से बचाव के लिए नालियों में जलजमाव रोंकने एवं नियमित सफाई करने, जानवर बाडे़ घर से दूर रखने, जंगली झाड़ियों को नियमित साफ करने, चूहे छछूंदरों से बचनें, पीने के लिए इण्डिया मार्का के पानी का प्रयोग करने, खाने से पहले साबुन से हॉथ धोनें, खुले में शौच न करने तथा नियमित शौचालय का प्रयोग करने, कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखने एवं बच्चों को जे0ई0 के दोनों टीके लगवाने आदि के प्रति भी जागरूक किया जाय।