Kaushambi: चरवा चौराहे के आसपास बेखौफ लकड़ी माफिया काट रहे हैं पेड़

पुलिस और वन विभाग की लापरवाही के चलते हरे पेड़ों के अस्तित्व पर मंडराने लगा है संकट

3
20

Kaushambi: चायल तहसील के थाना चरवा और उसके आसपास लकड़ी माफिया बेखौफ तरीके से सक्रिय हैं। लकड़ी माफियाओं पर चरवा थानेदार से लेकर वन दरोगा रोक नहीं लगा पा रहे हैं। चर्चाओ पर जाए तो वन दरोगा और थानेदार से लकड़ी माफियाओं के गहरे संबंध है और तीनो की साठगांठ के चलते हरे-भरे फलदार पेड़ों को बेखौफ तरीके से प्रतिदिन लकड़ी माफिया काट रहे हैं। इलाके में प्रत्येक महीने सैकड़ों हरे फलदार पेड़ काटे जाते हैं लेकिन थानेदार को एक माननीय का संरक्षण मिलने के चलते पुलिस अधिकारी भी थानेदार की निरंकुशता पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।

बुधवार को फिर चरवा चौराहे के पास तृप्ति हॉस्पिटल के पीछे 3 फलदार हरे महुआ के विशाल पेड़ों को दिनदहाड़े काटकर लकड़ी माफिया तीन ट्रक में भरकर लकड़ी उठा ले गए हैं। सब कुछ दिनदहाड़े बेखौफ तरीके से होता रहा लेकिन थानेदार से लेकर वन दरोगा लकड़ी माफियाओं के अवैध कटान पर रोक लगाने नहीं पहुंचे हैं। चर्चाओं पर जाए तो इलाके के लोगों ने थाना पुलिस को अवैध कटान की सूचना दी थी कि उक्त स्थान पर हरे फलदार पेड़ काटे जा रहे हैं लेकिन पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे पेड़ों को काटकर लकड़ी उठा ले जाने में लकड़ी माफिया सफल हो गए।

पुलिस और वन विभाग की लापरवाही के चलते हरे पेड़ों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। पेड़ काटने वाले लकड़ी माफिया इलाके में बदनाम है और जन-जन की जुबान में उनके नाम की चर्चा होती है।इलाके के लोगों ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध तरीके से फलदार पेड़ को काटने वाले लकड़ी माफिया पर मुकदमा दर्ज कराकर हरी लकड़ियों को बरामद कराए जाने, लकड़ी माफियाओं की गिरफ्तारी कराए जाने के साथ-साथ लकड़ी माफियाओं से दोस्ती करने वाले थानेदार और वन दरोगा पर कार्यवाही की मांग की है।

Comments are closed.