कौशाम्बी: पराली प्रबन्धन जन-जागरूकता वैन को डीएम ने दिखाई हरी झण्डी

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Kaushambi: कौशाम्बी जिलाधिकारी सुजीत कुमार (Kaushambi District Magistrate Sujit Kumar) ने फसल अवशेष न जलाने/पराली प्रबन्धन जन-जागरूकता वैन को कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जनजागरूकता वैन द्वारा सम्पूर्ण जनपद का भ्रमण कर किसान भाइयों को फसल अवशेष न जलाने/पराली प्रबन्धन के लिए जागरूक किया जायेंगा।

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, नई दिल्ली के आदेशानुसार पर्यावरण एवं कृषि विभाग द्वारा कृषि अपशिष्ट को जलाया जाना निषिद्ध किया गया है। जनपद में कृषकों द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन यथा-पराली/पुवाल/पैरा/ठूॅठ एवं केले का तना इत्यादि फसल अपशिष्ट जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे धुयें द्वारा वातावरण में पहले से विद्यमान विभिन्न गैसों के साथ कोलाइड बनाने से वायु अत्यन्त ही प्रदूषित व जहरीली हो जाती है।

कौशाम्बी (Kaushambi) जनपद में विगत वर्षों में पराली जलाये जाने की घटनाओं की अधिकता को ध्यान में रखते हुये जिलाधिकारी द्वारा तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उड़न दस्ता का भी गठन किया गया है। इस उड़न दस्ते मेंं पुलिस अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। जनपद में बिना एस0एम0एस0 एवं पराली प्रबन्धन के अन्य यन्त्रों यथा-स्ट्रॉचॉपर, सुपर सीडर, मल्चर, रोटरी इत्यादि के बगैर चलने वाली कम्बाइन मशीनों को सीज किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि जिन कृषकों द्वारा पराली जलाये जाने की पुष्टि होती है, उन कृषकों को पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में अर्थदण्ड रू 2500 से लेकर 5000 रूपये तक का जुर्माना वसूला जायेंगा।

किसान भाई पराली न जलाये, बल्कि उसे सड़ाकर खाद बनाकर अपने खेतों में डालें, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इसके अतिरिक्त निराश्रित गौशालाओं में पराली ले जाकर देने के बदले ट्राली भर गोबर की खाद निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।इस अवसर पर उप कृषि निदेशक सतेन्द्र तिवारी, जिला कृषि अधिकारी मनोज गौतम उपस्थित रहें।