Kaushambi: नारा पुलिस की उदासीनता की वजह से एक नाबालिक बालिका की हत्या हो गई। लोगो का कहना है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया होता तो आज लडकी जिंदा होती। मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के तेजवापुर गांव से 2 अक्टूबर को एक नाबालिग बालिका को भगा ले जाने की नामजद तहरीर देने के बाद पुलिस केवल आरोपियों के घर आने जाने और उनसे मुलाकात करने तक सीमित रह गई। 25 अक्टूबर को बालिका का सिर कटी लाश बरामद हुई। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने बालिका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के तेजवापुर गांव की नाबालिक बालिका सावित्री, उम्र 16 वर्ष पुत्र सुखलाल को गांव के अभय पुत्र अयोध्या प्रसाद 2 अक्टूबर को अपने साथ भगा ले गया। परिजनों के मुताबिक जाते समय सावित्री घर से सोने चांदी के लाखो के जेवर और नगद रुपए भी लेकर गई थी। बालिका के गायब होने के बाद उसकी मां ने मंझनपुर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी लेकिन कोतवाली पुलिस ने मामले में मुकदमा नहीं दर्ज किया। आरोपी युवक के घर कई बार चौकी पुलिस पहुंची और पूछताछ कर लौट आई।
23 अक्टूबर को फिर चौकी पुलिस आरोपी युवक के घर पहुंची। आरोपी अभय को चौकी इंचार्ज ने पकड़ा। उसके बाद चौकी इंचार्ज उसके घर से वापस लौट आए। नामजद आरोपी को चौकी पुलिस ने गिरफ्तार नही किया। आरोपी अभय को पकड़कर उससे पूछताछ करना और बालिका को बरामद करने का प्रयास चौकी और थाना पुलिस ने नहीं किया। बुधवार 25 अक्टूबर को गांव के लोग खेत में धान की फसल की कटाई कर रहे थे। कटाई कर रहे लोगों ने देखा कि कुएं में मक्खी भिनभिना रही है, जिससे किसानों को आशंका हुई। जब कुएं के अंदर झांक कर देखा तो उसके अंदर से दुर्गंध उठ रही थी। कई दिन पुराना शव पड़ा था।
मामले की सूचना गांव वालों को मिली। मौके पर बालिका के परिवार समेत गांव के तमाम लोग पहुंच गए। मामले की सूचना पुलिस को दी गई और कुएं से बालिका का सिर विहीन शव को बाहर निकला गया तो बालिका सावित्री के रूप में शिनाख्त हुई। शव का सिर गायब था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।