Kaushambi: हत्या एवं लूट के आरोपी को सीजेएम कोर्ट में हाजिर कराने के लिए आरोपी को कोर्ट के अंदर अधिवक्ता लेकर पहुँचे। इस दौरान कौशाम्बी (Kaushambi) थाना पुलिस एवं एसओजी की टीम कोर्ट के अंदर पहुँची, और आरोपी को कोर्ट के अंदर से खीच कर बाहर लाई और गाड़ी में बैठा कर लेकर चली गई। पुलिस के इस दुस्साहस पर अधिवक्ता भड़क गए। इस बात को लेकर अधिवक्ताओ ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
अधिवक्ता जिलाजज कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये। अधिवक्ताओ ने मांग की कि कोर्ट से ले गये आरोपी को पुलिस वापस लाये, और आरोपी के साथ मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाए।
अधिवक्ताओ की मांग पर जिलाजज ने पुलिस कप्तान से वार्ता की और कहा कि आरोपी को पुलिस वापस लाये। पुलिस कप्तान ने आरोपी को वापस कराया और उसे कोर्ट में हाजिर कर दिया गया। इस दौरान आरोपी के अधिवक्ता ने सीजेएम को तहरीर देकर पुलिस एवं एसओजी टीम सहित दो नामजद एवं आठ अज्ञात के खिलाफ काररवाई किए जाने की मांग की है।
बताते चलें कि ज्ञान चन्द सरोज पुत्र राम औतार निवासी सनौली उपरपुर थाना पश्चिम शरीरा के खिलाफ कौशाम्बी (Kaushambi) थाने में अपराध संख्या 08 सन 2023 के तहत धारा 302 के तहत केस दर्ज है। आरोपी ने अदालत में आत्मसमर्पण के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर थाना पुलिस ने रिपोर्ट भी भेज दी। अधिवक्ता अभिषेक त्रिपाठी आरोपी ज्ञान चन्द को सीजेएम कोर्ट में हाजिर करने के लिए लेकर गये। वह जैसे ही कोर्ट के अंदर पहुचे, और आरोपी को हाजिर करने लगे, तभी पुलिस एवं एसओजी की टीम वहाँ पर पहुच गई, और ज्ञान चन्द सरोज को पकड कर घसीटते हुए बाहर लेकर आये, और गाड़ी में बैठा कर चले गये।
इसकी जानकारी जब अधिवक्ताओ को हुई तो अधिवक्ताओ ने हंगामा करना शुरू कर दिया। अधिवक्ताओ ने मांग की कि आरोपी ज्ञान चन्द को पुलिस वापस लेकर आये, और कोर्ट के अंदर से जबरिया आरोपी को ले जाने वालों के खिलाफ काररवाई किया जाय। अधिवक्ताओ की मांग पर जिलाजज ने पुलिस कप्तान बृजेश कुमार श्रीवास्तव से वार्ता की और कहा कि आरोपी को कोर्ट में वापस लाया जाय। पुलिस कप्तान ने तत्काल आरोपी ज्ञान चन्द सरोज को वापस बुलाया, और कोर्ट में हाजिर करा दिया।
इस दौरान अधिवक्ता अभिषेक त्रिपाठी ने मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट को तहरीर देकर आरोप लगाया कि दिलीप यादव सिपाही व सुभाष कुमार के साथ एसओजी की टीम सहित आठ अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ मारपीट करने का केस दर्ज किया जाय। अधिवक्ता की तहरीर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कार्यवाई किए जाने का आश्वासन दिया। बहरहाल देर शाम तक अधिवक्ता की तहरीर पर केस दर्ज नहीं किया गया है।
इस मामले को लेकर पुलिस कप्तान बृजेश कुमार श्रीवास्तव से बात की गयी तो उनका कहना है कि प्रकरण की जानकारी हुई है। इसकी जाँच अपर पुलिस कप्तान समर बहादुर को दी गयी है। जाँच रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो जायेगा, कि मामले में किसने गलती की है। अगर गलती मिली तो कार्यवाही की जायेगी।