Kaushambi: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कौशांबी (Kaushambi) के कार्यकर्ताओं द्वारा आज डायट मैदान मंझनपुर में संदेशखाली प्रकरण के विरुद्ध ममता सरकार (Mamata government) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। अभाविप ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा हिंदू घरों से जबरन नाबालिग कन्या व महिलाओं को चिन्हित कर उनका बलपूर्वक अपहरण कर पार्टी कार्यालय में लाकर अत्याचार, दुराचार करने के कृत्यों की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है तथा इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
विगत 10 फरवरी को पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल श्री आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस वीभत्स शोषण की सच्चाई वृहद् जनमानस के समक्ष आई है। टीएमसी के नेताओं द्वारा हिंदू कन्याओं का अपरहण कर अत्याचार एवं दुराचार करने के अनेक प्रकरण सामने आए हैं, जो किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।
आज इसी संबंध में अभाविप कौशांबी (Kaushambi) द्वारा ममता सरकार का विरोध किया गया एवं राष्ट्रपति को पत्र लिख राज्य सरकार की प्रकरण में संलिप्तता की केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच करवाने, महिलाओं पर हिंसा एवं उनकी सामूहिक अस्मिता के हनन करने एवं संबंधित प्रकरण की शिकायत हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी करने, पीड़ित महिला को नि:शुल्क सहायता उपलब्ध कराने, मनोवैज्ञानिक द्वारा मानसिक रूप से पीड़ित महिलाओं को सहायता दिलवाने एवं भय-मुक्त संदेशखाली बनाने में केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है। अभाविप द्वारा संदेशखाली प्रकरण के विरुद्ध पुडुचेरी में आयोजित केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी प्रांत निजी विश्वविद्यालय कार्य सहसंयोजक ऋषभ द्रिवेदी ने कहा कि,” संदेशखाली प्रकरण में बंगाल सरकार की अनेक नेताओं की संलिप्तता दुर्भाग्यपूर्ण है तथा ममता बनर्जी सरकार (Mamata government) की महिला विरोधी छवि को उजागर करती है। हिंदू महिलाओं को चिन्हित कर उनके साथ दुराचार के अनेकों प्रकरण सामने आए हैं और सरकारी मशीनरी का इस्तमाल करते हुए इस प्रकरण को समाज से दूर रखने के काफी प्रयत्न किए गए हैं।
जिला संयोजक शिव बाबू चौधरी ने कहा की अभाविप, अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए प्रकरण को समाज तक पहुंचाने व बहनों को न्याय दिलाने हेतु देशव्यापी आंदोलन कर रही है तथा दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की मांग कर रही है।”