कर्नाटक के चिक्काबल्लापुरा जिले में मच्छरों की एक प्रजाति में जीका वायरस मिला है। इसकी पुष्टि गुरुवार को एक अधिकारी ने की। तेज बुखार से पीड़ित लोगों के रक्त के नमूने की जांच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया है। अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि चिक्कबल्लापुरा में स्थित छह जलाशयों से नमूने इकट्ठा किए गए। इन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया। जिसके बाद एडीज एजिप्टी मच्छरों में जीका वायरस का पता चला है।
अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि वायरस केवल तालकायालाबेट्टा जलाशय से इकट्ठा किए गए मच्छरों के नमूनों में पाया गया है। लोगों में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं मामले पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, किसी भी व्यक्ति में जीका वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। जीका वायरस से डरे नहीं। हम स्थिति पर नजर रखेंगे। कुछ लोगों में बुखार जैसे कुछ लक्षण दिख रहे थे। उन्हें अस्पताल में रखा गया है और जांच की गई है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, हमें केवल गर्भवती महिलाओं पर सावधानी बरतने की जरूरत है। मैं अनुरोध करता हूं लोगों को इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हमारा विभाग पूरी तरह से इस पर नजर रख रहा है।
चिक्काबल्लापुरा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने कहा, राज्य सरकार की एक टीम ने छह स्थानों से मच्छरों के नमूने एकत्र किए थे, जिसकी रिपोर्ट हमें 25 अक्तूबर को रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, पांच स्थानों से एकत्र किए गए मच्छर के नमूनों का परीक्षण नकारात्मक पाया गया, लेकिन शिदलाघट्टा तालुक में थलकायालाबेट्टा जलाशय से एकत्र किए गए नमूने जीका वायरस के लिए सकारात्मक पाए गए।