शुक्रवार को प्रयागराज (Prayagraj) में शास्त्री पुल के दारागंज से लेकर झूंसी अंदावा तक हाईवे की एक लेन पर कांवड़िये ही नजर आए। दोपहर बाद यह नजारा प्रयागराज (Prayagraj) से काशी तक देखा सकता था। अचानक कांवड़ियों की भीड़ उमड़ने से हाईवे पर जाम जैसे हालात हो गए। हालांकि प्रशासन द्वारा किये गये इंतजामात से यातायात सामान्य रहा। जगह-जगह तैनात किए गए पुलिसकर्मी ट्रैफिक को कंट्रोल करते दिखे।
कांवड़ियों का ट्रेनों पर कब्जा
शुक्रवार को सावन की एकादशी पड़ रही है। इस दिन बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। एकादशी से ठीक एक दिन पहले बृहस्पतिवार को प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर कांवड़ियों का रेला उमड़ पड़ा। शुक्रवार को प्रयागराज-वाराणसी हाईवे बोल बम के जयकारों से गूंज उठा। काशी स्थित बाबा विश्वनाथ धाम को जल चढ़ाने के लिए जाने वाले कांवड़ियों का ट्रेनों पर भी कब्जा रहा। इससे सफर करने वाले रेल यात्री पूरी तरह बेहाल रहे। सावन के महीने मेें दारागंज घाट से जल लेकर कांवड़िये काशी विश्वानाथ मंदिर वाराणसी जल चढ़ाने को जाते हैं।

जीटी रोड पर जाम जैसे हालात
प्रयागराज (Prayagraj) के दारागंज गंगा घाट से लेकर झूंसी तक कांवड़िये ही कांवड़िये नजर आए। कांवड़ियों की भारी भीड़ के आगे एक बार तो शास्त्री पुल भी भगवा रंग में मगन नजर आया। दोपहर बाद से उमड़ी कांवड़ियों की भीड़ देर शाम तक जीटी रोड पर बोल बम के नारों के साथ काशी स्थित बाबा विश्वनाथ धाम जाने को आगे बढ़ती रही। रात दस बजे तक जीटी रोड पर जाम जैसे हालात भी बने रहे। किसी तरह देर रात को धीरे धीरे कर यातायात को सुचारू किया जा सका।

अधिवक्ताओं ने धक्का मारकर गिरायी बैरिकेडिंग
बृहस्पतिवार की शाम तकरीबन पांच बजे कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ने के कारण शास्त्री पुल की दोनों लेन जाम हो गई। परेशानी की बात यह थी कि इसी दौरान कचहरी और हाईकोर्ट से झूंसी में रहने वाले अधिवक्ता घर लौट रहे थे। अधिवक्ताओं ने दूसरी लेन पर जाम होने के कारण दो पहिया वाहनों से जाने के लिए दारागंज में लगी बैरिकेडिंग खोलने की मांग की। इसके बावजूद पुलिस ने बैरिकेडिंग को नहीं खोला तो अधिवक्ताओं ने धक्का मारकर उसे गिरा दिया और आगे बढ़ गए। गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा के कारण प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर शास्त्री पुल पर दारागंज से ही ट्रैफिक वन वे की गई है। पुल के दक्षिणी लेन को कांवड़ियों के लिए सुरक्षित रखा गया है।