कड़कनाथ मुर्गा: यह मुर्गा नहीं है मामूली

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Dhamora

Kadaknath cock: प्रकृति ने हमें स्वस्थ रहने के कई उपहार दिए हैं, जिनमें शाक सब्जियों के अलावा मीट मछली भी है। हालांकि यह बात अलग है कि प्रकृति की इस देन को पहचाना जाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। कुछ इसी तरह की बात है कड़कनाथ मुर्गे में। कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath cock) लोगों के स्वास्थ्य के लिए मामूली नहीं है। यह बात रामपुर के कुटकुट पालन इकाई में हुई वैज्ञानिक रिसर्च के बाद प्रकाश में आई है। दिलचस्प बात यह है कि यहाँ पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च के आधार पर यह साबित करने का प्रयास किया है कि कड़कनाथ मुर्गे का मीट एवं अंडे का सेवन इंसानी सेहत के लिए कितना जरूरी है।

जनपद रामपुर के धमोरा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक वनस्पतियों से लेकर पालने वाले पक्षियों पर भी अपना शोध करते रहते हैं। फिलहाल वैज्ञानिकों ने पूरी तरह काले मुर्गे यानि कड़कनाथ (Kadaknath cock) पर अपनी रिसर्च की है जिसके आधार पर तथ्य जुटाए हैं कि इस मुर्गे के मीट और अंडे के सेवन से इंसानों में होने वाली कई तरह की बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। कोविड-19 व लंग्स दिक्कतों तक में इसका मेट काफी हद तक मददगार साबित हुआ है यही नहीं इसके सेवन से महिलाओं के बांझपन को भी दूर किया जा सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र में तैनात वैज्ञानिक डॉ रूपम सिन्हा के मुताबिक डॉ रूपम सिन्हा पशु चिकित्सा वैज्ञानिक के रूप में कृषि विज्ञान केंद्र रामपुर में कार्यरत हूँ। यह हमारी कुक्कुट पालन इकाई है। मुख्यता हम जो कड़कनाथ ब्रीड का चिकन का प्रमोट करने के लिए यहां पर अपना यूनिट लगाए हुए हैं। यहाँ पर कड़कनाथ ब्रीड का जो चिकन है उसके बारे में बहुत सारी अभी रिसर्च हुई है और उस रिसर्च में यह निकल कर आया है। इनका जो मीट है वह बहुत सारे रोगों में फायदेमंद हुआ है। जैसे पिछले समय में कोविड की वेब चली थी। उन वेब्स में में इस को प्रिसक्राइब किया गया था। जो हार्ट संबंधित बीमारियां हो रही थी। लंग्स में जो इंफेक्शन फैल रहा था। उन दोनों में ही इसका बहुत ही पॉजिटिव रिजल्ट देखा गया। साथ में एक चीज और निकल कर आई वो ये थी कि उसमें फैट्स बहुत कम है। जो अदर चिकन है उनसे 4 गुना कम फैट्स हैं। कह सकते है उनमें 25 परसेंट फैट है। इसमें मुश्किल से 10 पर्सेंट, 5% से भी कम मुश्किल से फैट्स पाया जाता है।

डॉ रूपम सिन्हा ने आगे बताया कि इसमें कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बहुत कम है। जहाँ दूसरे चिकन में 20 से 21 पर्सेंट है, इसमें 1 से 3% के बीच में कोलेस्ट्रॉल लेवल है और जो प्रोटीन है वह बहुत अच्छा है। ज्यादा प्रोटीन इसमें पाया जाता है। इसमें 25 पर्सेंट प्रोटीन है और जो अदर चिकन है उसमें 20 पर्सेंट होता है।

इस तरह से इसमें रिसर्च कर देखा गया तो यह पाया गया कि जितने भी रेस्पिरेट्री सिस्टम डिजीज है कार्डियोलॉजिस्ट डिज़ीज़ उसके अलावा और जो प्रजनन संबंधित जो बीमारियां होती हैं, उसमें भी इसका बहुत अच्छा रिजल्ट है। इन सभी बीमारियों में जो लोग इसका सेवन करते हैं, वे लोग इन बीमारियों से निजात पाते हैं। यह भी देखा गया कि जो लोग इस मीट का सेवन कर रहे हैं, उनमें उन लोगों का स्वास्थ्य लेवल जो अदर मीट है, उससे अच्छा पाया गया है।

डॉ रूपम सिन्हा ने आगे कहा कि यहाँ जो प्रयोग चल रहा है उसमें यही बताया जा रहा है कि आप इसका सेवन करें। इसमें कैल्शियम, आयरन, मिनरल्स, विटामिन बी की बहुत ज्यादा मात्रा है। यह सब जब आपके शरीर में भरपूर मात्रा में जाएगा तो इसका जो फायदा है, आपको पूरी तरह से मिल पाएगा।

यह प्रजनन क्षमता को मजबूत करेगा। यूट्रस को यह मजबूत करेगा। उसके लिए भी यह फायदेमंद देखा गया है। यहाँ पर जो डेमोंसट्रेशन यूनिट है, हम आगे इस को और बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यहाँ पर जो गवर्नमेंट का रेट है, बहुत ही मुनासिब दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा। जो लोग हमसे संपर्क करेंगे उनको बहुत ही मिनिमम प्राइस में उपलब्ध कराएंगे। सरकार की तरफ से इस को प्रमोट करने का अभियान चल रहा है। इसमें एक चीज और है इसका जो अंडा है, मीट है और जो इसके चूजे हैं, बहुत ही कम लागत में हो जाते है।

डॉ रूपम सिन्हा ने बताया जो भी खेत में पोल्ट्री फार्म बनाते हैं। इस काम को करना चाहते हैं तो उनकी पूरी मदद की जाएगी। यह ब्रीड मध्य प्रदेश की है। इंडिया की देसी ब्रीड है। मुख्य रूप से यह मध्य प्रदेश से ओरिजिनल हुई है। यह देसी ब्रीड है जो मार्केट में सफेद कलर का बॉयलर चिकन आता है उसमें और इसमें अंतर है। बहुत ज्यादा उसके मीट में और इसके मीट में अंतर है। वे सस्ता मिलता है क्योंकि उसमें फेट और कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा होता है। वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और कड़कनाथ (Kadaknath cock) फायदेमंद होता है।