Delhi: भारत राष्ट्र समिति (Bharat Rashtra Samithi) की वरिष्ठ नेता तथा पार्टी प्रमुख व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrasekhar Rao) की बेटी के. कविता (K. Kavita) संसद में महिला आरक्षण बिल प्रस्तुत किए जाने की मांग को लेकर आज नई दिल्ली में भूख हड़ताल पर बैठने जा रही है।
दिल्ली के जंतर मंतर पर दिनभर चलने वाली के. कविता (K. Kavita) की भूख हड़ताल में कई पार्टी के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिनमें तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी के नेता शामिल है। के. कविता (K. Kavita) ने बृहस्पतिवार को कहा था कि, विरोध प्रदर्शन के तौर पर की जा रही भूख हड़ताल के दौरान 18 पार्टियों ने शिरकत की पुष्टि कर दी है।
महिला आरक्षण बिल को लेकर करेंगी भूख हड़ताल
गौरतलब है कि, दिल्ली के शराब नीति घोटाले के सिलसिले में भारत राष्ट्र समिति की नेता से शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करने वाली है। बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत करने के दौरान के. कविता ने कहा था कि, “हमने महिला आरक्षण बिल को लेकर दिल्ली में भूख हड़ताल के लिए 2 मार्च को एक पोस्टर जारी किया था। ईडी ने मुझे 9 मार्च को समन किया। मैंने 16 मार्च के लिए दरख्वास्त की, लेकिन न जाने क्या जल्दी है उन्हें, सो मैं 11 मार्च के लिए मान गई।”
के .कविता (K. Kavita) ने आगे कहा कि, “मुझसे सवाल करने के लिए ईडी जल्दबाज़ी क्यों कर रही है, और क्यों उन्होंने मेरे विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले का वक्त चुना। पूछताछ एक दिन बाद भी हो सकती थी।” ईडी के केस में के. कविता पर आरोप है कि, वह ‘साउथ कारटेल’ का हिस्सा है, जिसे दिल्ली की अब रद्द कर दी गई शराब नीति से दलाली के तौर पर फायदा पहुंचा है। वही बीआरएस की नेता ने सभी आरोपों से इंकार किया है, और केंद्र सरकार पर राजनैतिक फायदे के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “पिछले जून से भारत सरकार लगातार अपनी एजेंसियों को तेलंगाना भेज रही है, क्यों? क्योंकि नवंबर या दिसंबर में तेलंगाना में चुनाव होने वाले हैं।”
के. कविता ने कहा कि, “ये असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की भारतीय जनता पार्टी की कोशिशे है।” महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए के. कविता ने कहा कि, “भारतीय जनता पार्टी ने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस कानून को लागू करने का वादा किया था, लेकिन स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आने के बावजूद इस वादे को पूरा नहीं किया।”
उन्होंने आगे कहा कि, “महिला आरक्षण बिल महत्वपूर्ण है और इसे जल्द ही लाया जाना चाहिए। मैं वादा करती हूं कि सभी महिलाएं इसके लिए विरोध प्रदर्शन करेंगी और तब तक नहीं रुकेंगी, जब तक इसे पेश नहीं कर दिया जाता है।” इस बिल में लोकसभा तथा विधानसभाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।