उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में इतनी बड़ी आपदा के बाद एक बार फिर हेलंग मारवाड़ी बाईपास (Helang Marwari Bypass) का निर्माण कार्य शूरू हो गया है। इसके विरोध में पूरा जोशीमठ (Joshimath) आज बंद रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में पूरे जोशीमठ (Joshimath) के व्यापारी सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया।
बता दे कि, 80 के दशक से ही जोशीमठ (Joshimath) में हेलंग मारवाड़ी बाईपास (Helang Marwari Bypass) का विरोध होता आ रहा है। इसी साल जनवरी में जोशीमठ (Joshimath) में हुए भू-धंसाव के बाद हेलंग मारवाड़ी बाईपास (Helang Marwari Bypass) का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था। लेकिन अब एक बार फिर से इसके शुरू होने के साथ ही जोशीमठ (Joshimath) में इस परियोजना का भारी विरोध शुरू हो गया है।
दरअसल, जोशीमठ (Joshimath) से 13 किलोमीटर पहले 5 किलोमीटर के रास्ते में 40 किलोमीटर का सफर कम करने वाला हेलंग मारवाड़ी बाईपास (Helang Marwari Bypass) बनने से जोशीमठ आने वाले तीर्थयात्री सीधा बाईपास के रास्ते बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे लेकिन जोशीमठ (Joshimath) में इसका विरोध शुरू हो गया है।
बता दे कि, जोशीमठ (Joshimath) में नरसिंह मंदिर, जहां की बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद आज जगद्गुरु शंकराचार्य की गद्दी आती है, वहां अब श्रद्धालुओं को नहीं आना होगा। इसके विरोध में जोशीमठ (Joshimath) की जनता सड़कों पर उतर कर अब विरोध कर रही है।
गौरतलब है कि, हमेशा से ही जोशीमठ (Joshimath) के लोगों का इस बाईपास के प्रति विरोध रहा है। जोशीमठ के लोगों का कहना है कि, हर जगह बाईपास एक से डेढ़ किलोमीटर के दायरे में होता है तो जोशीमठ (Joshimath) में 13 किलोमीटर पहले यह बाईपास बनाया जाना कहीं से भी औचित्य नहीं है, जिसके विरोध में जोशीमठ (Joshimath) पूरा बंद रहा।