बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन से अलग होने के बाद हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा की है। इसको लेकर पिछले दो दिनों से पार्टी के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अपने बेटे पूर्व मंत्री संतोष सुमन के साथ भाजपा के बड़े नेताओं से मिल रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद वो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। इसके बाद जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि, राजनीति में कहीं ना कहीं तो शरण लेनी पड़ती है।
जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि, जब हमारी पार्टी का जेडीयू में विलय करने की बात की, आविश्वास किया, जासूसी का आरोप लगाया तो हम क्या करते। हम तो निष्ठा के साथ काम करते हैं। राजनीति में कहीं ना कहीं तो शरण लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि, जब नीतीश कुमार ने बाहर जाने की ही बात कर दी, तो कसम कहां रह जाता है। उन्होंने कहा कि, या तो पार्टी में शामिल हो जाओ, नहीं तो बाहर जाओ तो फिर मैं क्या करता।
वहीं विपक्षी दलों की 23 जून को होने वाली बैठक को लेकर मांझी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के सामने कोई नेता नहीं है। विपक्षी एकता नहीं बन पाएगी। उनका नेता कौन होगा, इसको लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। अभी एनडीए के सामने देश में कोई विकल्प नहीं है।
वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में पूर्व मंत्री संतोष सुमन मांझी ने कहा कि, जब उनका विश्वास नहीं रहा तो क्या करते। इसलिए हमने गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात की। पहले ही मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा कि, जब नीतीश जी एनडीए से बाहर महागठबंधन में आए तो वह पूरी तरह बदल गए। अधिकारी से लेकर नीतियों तक में हम लोगों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। कसम हम लोगों ने नहीं तोड़ी है, जब नीतीश जी हम पर अविश्वास करने लगे तो क्या करते। संतोष सुमन ने कहा कि, यह गठबंधन आगे बढ़ेगा। हम गरीबों और बिहार के विकास के लिए काम करेंगे।
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