Jharkhand: चतरा में नवजात की खरीद-बिक्री के मामले में एसआइटी ने अहम कार्रवाई की है। मासूम का एक लाख में सौदा करने वाली कलयुगी मां, सदर अस्पताल की सहिया और एनटीपीसी के ड्रेसर समेत चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो के करीब दर्जन सरकारी और निजी अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ को हिरासत में लिया गया है। अवैध रूप से नवजात को खरीदने वाले हजारीबाग के दंपत्ति को हिरासत में लिया गया है।
नवजात का किया था सौदा
चतरा डीसी अबू इमरान और एसपी राकेश रंजन के संयुक्त निर्देश पर एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने प्रोफेशनल तरीके से कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह में शामिल सहिया ने चतरा शहर के झारखंड इलाके में संचालित अवैध नर्सिंग होम के संचालक अरुण कुमार दांगी के मिलीभगत से साढ़े 4 लाख रुपए में नवजात का सौदा कराया था। नवजात की मां को सहिया ने ही एक लाख रुपए देकर अस्पताल से बाहर ले जाकर बच्चे को बेचवाने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, नवजात को नाजायज तरीके से खरीदने वाले हजारीबाग के बड़कागांव निवासी दंपत्ति उपेंद्र कुमार और रीना देवी को एसआईटी ने बड़कागांव से गिरफ्तार किया है।
मास्टरमाइंड फरार
नवजात खरीद-बिक्री सिंडिकेट में शामिल एनटीपीसी टंडवा के ड्रेसर सरोज कुमार समेत 11 ब्रोकरों को हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और बोकारो जिले के अलग-अलग इलाके से धर दबोचा है। हालांकि गिरोह का मास्टरमाइंड अरुण दांगी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। गिरफ्तार हुए लोगों के पास से विभिन्न कंपनियों के चार मोबाइल व नवजात खरीद बिक्री में प्रयुक्त एक लाख 64 हजार रुपया नगद बरामद हुए है।
चतरा उपायुक्त अब्बू इमरान ने कहा कि नवजीत खरीद बिक्री की सूचना मिली थी। जिसके सत्यापन के लिए पुलिस की टीम गठित कर मामले की छानबीन की गई। जिसमें सम्मिलित पाए जाने वाले चतरा, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग के अलग-अलग ठिकानों से कुल 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं आगे की कार्रवाई की जा रही है।