झाबुआ: ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास आज भी विद्यमान

सर्दी- जुकाम होने पर तांत्रिक ने 3 बच्चों को गर्म सरियों से दागा

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Jhabua: आज के आधुनिक युग में लोग ग्रामीण क्षेत्रों में टोने- टोटके, झाड़-फूंक करने वाले, शरीर को गर्म सरियों से दागने वाले अंधविश्वासी तांत्रिको, औझाओ, बाबाओं के चक्कर में पड़े रहते हैं और अपने बच्चों की जान को खतरे में डाल देते हैं। ऐसा ही अंधविश्वास का एक नजारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाबुआ (Jhabua) के जिला अस्पताल में देखने को मिला। जहाँ पर 3 बच्चों को गंभीर अवस्था में शिशु वार्ड में भर्ती किया गया। तीनों के शरीर पर गर्म सरियों के निशान देखे गए। 7 महीने के अजय, 2 महीने के मेशरा, 6 महीने के कृष्णा को शिशु वार्ड में भर्ती करना पड़ा।

दरअसल परिजन इन तीनों को सर्दी- जुकाम बिगड़ जाने पर निमोनिया की आशंका में पास के तांत्रिक के पास ले गए। जहाँ पर तांत्रिक ने कुछ पैसों के लालच में, इलाज के नाम पर उनके सीने और पेट पर गर्म सरियों से दाग (डाम) दिए। जिससे उनकी हालत और बिगड़ गयी। अब परिजन उन तीनों को जिला चिकित्सालय झाबुआ में लाते हैं। जहाँ पर बच्चों को गंभीर अवस्था में शिशु वार्ड में भर्ती किया गया है। यहाँ पर तीनों का इलाज जारी है। इन तीनों बच्चों के परिजन जिले के पिपलिया खदान, हडमतिया, एवं समोई गांव के निवासी हैं।

परिजनों ने बताया कि इन बच्चों को सर्दी- जुकाम बिगड़ जाने पर निमोनिया हो गया था। 20 दिन के घरेलू उपचार से भी ठीक नहीं हो रहा था, तो हम लोग इन्हें तांत्रिक के पास ले गए। जहाँ पर तांत्रिक ने इलाज के नाम पर इन्हें गर्म सरियों से सीने और पेट पर (डाम) दाग दिया। आपको बता दें कि पूर्व में शहडोल जिले में भी इस तरह के कई मामले देखने को मिले हैं। अगर परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस प्रशासन को इन अंधविश्वासी तांत्रिकों, बाबाओं पर सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए।