ओरेवा ग्रुप के MD जयसुख पटेल ने अदालत में किया आत्मसमर्पण

गुजरात पुलिस ने बीते 27 जनवरी को ही मोरबी सस्पेंशन ब्रिज हादसा मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।

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गुजरात के मोरबी पुल (Morbi Bridge) हादसा मामले में आरोपी ओरेवा ग्रुप (Oreva Group) के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल (Jaisukh Patel) ने मंगलवार को मोरबी में सीजेएम कोर्ट (CJM Court) में आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले सीजेएम कोर्ट ने जयसुख पटेल के खिलाफ वॉरंट जारी किया था। जहाँ गिरफ्तारी से बचने के लिए जयसुख ने मोरबी की सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।

जयसुख पटेल ने अग्रिम जमानत की मांग की थी

बीते साल 30 अक्टूबर को मोरबी में मच्छु नदी (Machchu river) पर बना पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात पुलिस नौ लोगों को अपने हिरासत में लिया था। जिसमें ओरेवा ग्रुप (Oreva Group) के चार कर्मचारी शामिल थे। इनमें कंपनी के दो मैनेजर हैं और दो टिकट क्लर्क हैं।

जयसुख पटेल (Jaisukh Patel) का नाम एफआईआर में भी बतौर आरोपी दर्ज है। जयसुख पटेल ने 20 जनवरी को मोरबी की सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। गुजरात पुलिस ने बीते 27 जनवरी को ही मोरबी सस्पेंशन ब्रिज हादसा मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में भी ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम बतौर आरोपी शामिल किया गया है।

फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किए बिना पुल को खोल दिया गया था

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) भी इस मामले में खुद संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने पिछले महीने मोरबी सस्पेंशन ब्रिज (Morbi Suspension Bridge) का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (Oreva Group) को नोटिस जारी किया था। इस कार्यवाही में कंपनी को प्रतिवादी बनाने की डिमांड की गई थी।

याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि, कंपनी को हादसे से हुई क्षति के भुगतान के लिए उत्तरदायी बनाया जाए। एक याचिका में दावा किया गया है कि, अजंता कंपनी (Ajanta Company) ने पुल की मरम्मत के लिए देवप्रकाश सॉल्यूशंस के साथ अनुबंध किया था। सरकार को जानकारी दिए बिना या फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किए बिना दीपावली की छुट्टियों के दौरान पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया था।