जया एकादशी एकादशी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही पूरी आस्था और श्रृद्धा से उनका व्रत किया जाता है और शाम को पूजा करके लोग फलाहार करते हैं। जया एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में किया जाता है। जया एकादशी को लेकर यह मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। आइए आपको बताते हैं कि कब है जया एकादशी, पूजाविधि और शुभ मुहूर्त।
कब है जया एकादशी
जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 19 फरवरी को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा और 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 52 मिनट तक यह तिथि रहेगी। इस प्रकार उदया तिथि की मान्यता के अनुसार यह व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा और व्रत का पारण 21 फरवरी को किया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि इस व्रत के दिन आयुष्मान योग के साथ, त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग भी बन रहा है। इस वजह से जया एकादशी के दिन व्रत करने से व्रतियों को विशेष फल की प्राप्ति होगी। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से उनके घर में कभी धन धान्य की कमी नहीं होगी।
व्रत की पूजाविधि
जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर केले के पेड़ की पूजा करें और उस पर जल चढ़ाएं। इसके बाद पूजा करके भगवान विष्णु को पीले फल, पीले मिष्ठान और पीले वस्त्र दान करें। भगवान की धूप-दीप से आरती करें और तुलसी दल के साथ पंचामृत का भोग लगाएं। भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करें और मां लक्ष्मी की पूजा करें। जया एकादशी के व्रत की कथा का पाठ करें। इस दिन अनाज और फलों का दान भी करना चाहिए।