Jammu: बाबा के जयकारो से गूंज उठा शहर, अमरनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालु

पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद उपराज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया।

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जम्मू (Jammu) के बेस कैंप से कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए आज श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया गया है। भगवती नगर (Bhagwati Nagar) बेस कैंप से सुबह चार बजे पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद उपराज्यपाल और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। उपराज्यपाल ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। बता दें कि, गुरुवार तक देशभर से यात्रा के लिए भगवती नगर बेस कैंप में 1600 से ज्यादा तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं।

अब तक 3 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को इस बार टोबैको फ्री घोषित किया गया है। मतलब ये कि, बालटाल और पहलगाम रूट पर अब तंबाकू या तंबाकू से बने दूसरे प्रोडक्ट नहीं बिकेंगे। पहली बार यात्रा के दौरान भूस्खलन वाली जगहों से गुजरते वक्त पत्थरों से बचने के लिए श्रद्धालुओं को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। श्रद्धालु शनिवार को पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा की ओर बढ़ेंगे।

बालटाल रूट पर लगभग ढाई-तीन किलोमीटर के टुकड़े में यात्रियों को हेलमेट पहनकर जाना होगा। यह सुविधा श्राइन बोर्ड की ओर से निशुल्क दी जाएगी। बालटाल रूट से जाने वाला जत्था शनिवार को ही हिमलिंग के दर्शन करके लौट आएगा। अब तक 3 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 62 दिनों तक चलने वाली यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से होगी।

Amarnath yatra

रजिस्ट्रेशन के लिए श्रद्धालुओं की लगी लम्बी लाइन

देशभर से सैकड़ों की संख्या में महादेव के भक्त जम्मू पहुंच रहे हैं। ऐसे में सभी के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जिन श्रद्धालुओं का पंजीकरण नहीं हुआ है, उनके लिए शहर में तुरंत पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, जिस का लाभ श्रद्धालु ले सकते हैं। पंजीकरण करवाने के लिए अलग-अलग जगहों पर टोकन लेने के लिए श्रद्धालु लंबी कतारों में सुबह से ही जुट गए हैं। वही हर जगह बम- बम भोले और जय बाबा बर्फानी के जयकारों से शहर गूंज उठा है।

प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए कई बंदोबस्त किये गए

बता दें कि, बाबा अमरनाथ की यात्रा में गुफा से पहुंचने के लिए पहला मार्ग पहलगाम और दूसरा मार्ग बालटाल है। अगर कथा और पुराणों की बात की जाए तो पहलगाम के मार्ग का उसमें जिक्र किया गया है, जबकि बालटाल का रास्ता काफी आसान है और जो यात्री लंबे समय तक नहीं चल पाते, वह अधिकतर बालटाल का रास्ता अपनाते हैं।

जम्मू के भगवती नगर में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए कई बंदोबस्त किए गए हैं, जिसमें लंगर से लेकर अन्य सुविधाएं शामिल हैं। वहीं सुरक्षा की बात करें तो जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ समेत अन्य सुरक्षा दस्तों को तैनात किया गया है।