जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू (Jammu) तवी नदी के तट पर बसी है। नगर में ढेरों पुराने व नये मन्दिरों के बाहुल्य के कारण इसे “मन्दिरों का नगर” भी कहा जाता है। अक्सर लोग जम्मू वैष्णो देवी के दर्शन करने जाते है। हिमालय की गोद में स्थित ये शहर अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के साथ साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है।
द बहु फोर्ट
बहू किला जम्मू (Jammu) शहर का एक ऐतिहासिक किला है। राजा जम्बू लोचन ने तवी नदी में एक ही स्थान पर एक बाघ और एक बकरी को पानी पीते हुए देखा। राजा ने इसे अपनी नई राजधानी स्थापित करने के लिए एक दिव्य दिशा माना, क्योंकि इस स्थल पर उन्होंने जो देखा वह शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतिनिधित्व करता था। उनके भाई, बहू लोचन को किले के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। किले के अंदर काली देवी का मंदिर भी है। यहाँ से पांच किलोमीटर दूर बाग़-ए-बहु गार्डन भी है।
अमर महल पैलेस
ये जम्मू (Jammu) के एक अहम् लैंडमार्क जैसा है। इसे डोगरा राजा, महाराजा अमर सिंह द्वारा उन्नीसवीं शताब्दी में एक फ्रांसीसी वास्तुकार द्वारा एक फ्रांसीसी महल की तर्ज पर बनाया गया था। महल को अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है। इसमें 120 किलो वजनी एक स्वर्ण सिंहासन, एक पहाड़ी लघुचित्र, कांगड़ा लघु चित्र, 25,000 प्राचीन पुस्तकों का एक पुस्तकालय, कई दुर्लभ कला संग्रह, और शाही परिवार के चित्रों का एक बड़ा संग्रह सहित कई प्रदर्शन हैं।
सुरिनसार झील
सुरिनसार झील जम्मू ज़िले में स्थित एक झील है। यह जम्मू शहर से 42 किमी दूर घने वनों और पर्वतों से घिरे एक क्षेत्र में है। इस से लगभग 9 किमी दूर मानसर झील स्थित है और मानसर-सुरिनसर को कभी-कभी जुड़वा झीलों के रूप से देखा जाता है। इन दोनों के बीच सुरिनसर मानसर वन्य अभयारण्य स्थित है। कहा जाता है कि मानसर झील की जमींन पर अर्जुन ने तीर मारा था। उस जगह से पानी निकलने पर ही सुरिनसार झील का निर्माण हुआ।