पंजाब में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाला खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal) अब असम की डिब्रगढ़ जेल में बंद हैं, लेकिन वह वहां भी चुप नहीं बैठ रहा है। उसने अपने वकील को एक लेटर सौंपा है जिसमें उसने बताया है कि जेल में उसके हौसले बुलंद हैं।
वकील सियालका अमृतपाल सिंह के कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों के साथ यहां पहुंचे और उनसे जेल में मुलाकात की। कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह ने जेल के अंदर सियालका को गुरुमुखी में लिखा एक पत्र सौंपा, जिसमें उसने कहा कि सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद से यहां ठीक है।
अपने संगठन के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए अमृतपाल सिंह (Amritpal) ने पंजाब सरकार पर ज्यादती करने और सिखों के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज करने का आरोप लगाया। उन्होंने पत्र में कहा कि, यह पूरा मामला खालसा पंथ का है और मैं पंथ से अपील करता हूं कि सक्षम अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाया जाए, जो इन सभी मामलों को आगे बढ़ाएगा।
सियालका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक कार्यकारी सदस्य भी हैं। उन्होंने डिब्रूगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि, वकीलों का एक विशेष पैनल बनाया जाएगा और इसके सदस्य अपनी न्यायिक प्रक्रिया के संचालन के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। अमृतपाल सिंह के अलावा, वारिस पंजाब दे के नौ अन्य कार्यकर्ताओं को 19 मार्च से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया है, जब उन्हें संगठन पर कार्रवाई के बाद पंजाब से गिरफ्तार किया गया था।
एक अन्य वकील सिमरनजीत सिंह ने भी सियालका और परिवार के सदस्यों के साथ डिब्रूगढ़ अमृतपाल सिंह (Amritpal) से मिलने आई। सिमरनजीत सिंह ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि, गिरफ्तार किए गए लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है, उन सभी के खिलाफ समान आरोप लगाए गए हैं।