इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस के बढ़ रहे तेज़ी से मामले

इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस का सक्रमण दिन - प्रतिदिन लगातार बढ़ता चला जा रहा है। इस वायरस से हो रहे संक्रमण के मामले भी बढ़ने लगे हैं।

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Influenza H3N2 virus

देश में जहाँ काफी समय तक कोरोना महामारी ने लोगो को सताया अब एक और दूसरी नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। दरअसल, इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस (Influenza H3N2 virus) का सक्रमण दिन-प्रतिदिन लगातार बढ़ता चला जा रहा है। इस वायरस से हो रहे संक्रमण के मामले भी बढ़ने लगे हैं। चंडीगढ़ में इन्फ्लुएंजा एच3एन2 वायरस से संक्रमित अब तक सात मरीज मिल चुके हैं।

इन मरीजों कै सैंपल को लैब टेस्टिंग के लिए भेजा गया, जिसमे रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 7 लोगों के संक्रमण के रिपोर्ट के पॉजिटिव आने के कारण चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रीय हो गया है। विभाग द्वारा इन्फ्लुएंजा वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी किया गया है। इस एडवाइजरी में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं के लिए यह वायरस सबसे बड़ा खतरा है।

H3N2 virus क्या है?

यह एक इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता है। यह वायरस पक्षियों और जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। पक्षियों और दूसरे जानवरों में इसके कई स्ट्रेन्स पैदा हो चुके हैं। H3N2 वायरस इन्फेलूएंजा-ए वायरस का सबटाइप है। WHO और अमेरिका के CDC के मुताबिक, यह मनुष्यों में इन्फ्लूएंजा का अहम कारण है।

यह है लक्षण

एडवाइजरी के मुताबिक, H3N2 वायरस के चपेट में आने के बाद लोगों को ठंड लगना, बुखार, खांसी, उल्टी, गले में दर्द, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, छींक आना, नाक बहना इत्यादि लक्षण दिखाई देता है। वहीं मरीजों को सांस लेने में भी तकलीफ होती है। बता दें कि एच3एन2 वायरस और कोरोना दोनों ही अलग – अलग हैं। क्योंकि कोरोना निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (respiratory tract) मतलब श्वसन मार्ग को प्रभावित करता है। वहीं H3N2 वायरस ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है।

विशेषज्ञों की मानें तो H3N2 वायरस कोरोना की ही तरह तेजी से फैलता है। यह वायरस बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों इत्यादि को आसानी से और जल्दी अपने चपेट में ले लेता है। यदि आप अपने आसपास किसी व्यक्ति को खासते या छीकते हुए देखे तो थोड़े सावधान हो जाये, क्योकि यह वायरस काफी तेज़ी से लोगो को संक्रमित करता है।