भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले का उठाया मुद्दा

पीएम मोदी ने कहा, कोई भी तत्व जो अपने कार्यों या विचारों से भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाता है। उसे स्‍वीकार नहीं किया जाएगा।

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ऑस्ट्रेलिया (Australia) में तीन दिवसीय दौरे पर इन दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। जिन्होंने आज यानि बुधवार को देश में मंदिरों पर हमलों का मुद्दा उठाया है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भविष्य में ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई (Australia) समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ संयुक्त संबोधन के दौरान कहा कि, “पीएम एंथनी अल्बनीज और मैंने पूर्व में ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों के मुद्दे पर चर्चा की है। हमने आज भी इस मामले पर चर्चा की है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “कोई भी तत्व जो अपने कार्यों या विचारों से भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाता है। उसे स्‍वीकार नहीं किया जाएगा। पीएम अल्बनीज ने आज मुझे एक बार फिर आश्वासन दिया कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”

दरअसल, खालिस्तानी उग्रवाद के कई मामले और खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में उग्रवाद के मामले सामने आए हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया (Australia) में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। इससे पहले, मार्च में अपनी भारत यात्रा के दौरान अल्बनीज ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक इमारतों में होने वाली किसी भी अतिवादी कार्रवाई और हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और हिंदू मंदिरों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई के लिए कोई जगह नहीं है।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम द्वारा अपने भारतीय समकक्ष को दिए गए आश्वासन के बारे में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए। एंथनी अल्बनीज ने कहा कि, “मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा देश है, जो लोगों की आस्था का सम्मान करता है। हम इस तरह के कार्यों और हमलों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में इसका कोई स्थान नहीं है। फिर चाहे कोई मंदिर हो, मस्जिद हो या फिर चर्च।”

ऑस्‍ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने कहा कि, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पुलिस और हमारी सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से हर कार्रवाई करेंगे कि इसके लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़े। हम एक सहिष्णु बहुसांस्कृतिक राष्ट्र हैं, और ऐसे कृत्‍यों के लिए ऑस्ट्रेलिया में कोई जगह नहीं है।”