गाजियाबाद: फिल्म दृश्यम से मिलती-जुलती एक मर्डर मिस्ट्री (Drishyam-Like Murder) को गाजियाबाद पुलिस ने शनिवार को सुलझा लिया। पुलिस के मुताबिक, एक महिला ने कथित तौर पर अपने प्रेमी और एक अन्य दोस्त की मदद से अपने पति की हत्या कर दी। बाद में शव को एक निर्माणाधीन प्लॉट में दबा दिया गया और आरोपी ने अपराध को छिपाने के लिए उस पर सेप्टिक टैंक बना लिया। हालांकि, पुलिस आखिरकार शव तक पहुंच गई जो कि ‘दृश्यम’ (Drishyam-Like Murder) फिल्म में ऐसा नहीं था।
महिला नीतू और उसके प्रेमी हरपाल को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। शव बिसरख में निर्माण स्थल से बरामद किया गया। पुलिस तीसरे आरोपी गौरव नाम के एक राजमिस्त्री की तलाश कर रही है।
जांच 10 जनवरी को शुरू हुई, जब मृतक के भाई छोटेलाल ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। छोटेलाल का भाई एक सप्ताह से अधिक समय से लापता था। पुलिस ने तब मृतक की पत्नी नीतू से पूछताछ की। मृतक की पत्नी नीतू ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी, जबकि उसका पति 7 दिनों से अधिक समय से लापता था। लेकिन पुलिस को शायद ही कोई सुराग मिला हो।
इसके बाद पुलिस ने गौर सिटी निवासी हरपाल की तलाश शुरू कर दी, जो अक्सर नीतू और सतीश से मिलने आता था। टीओआई ने बताया कि लगातार पूछताछ के बाद, हरपाल टूट गया और नीतू और गौरव की मदद से सतीश की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
जाने क्या है पूरा मामला
नीतू और हरपाल एक-दूसरे को पसंद करते थे और शादी करना चाहते थे। पेशे से राजमिस्त्री हरपाल ने नीतू की मदद से सतीश को मारने और शव को पड़ोस के प्लॉट में दफनाने की योजना बनाई। सतीश ने अपराध के लिए गौरव को शामिल किया। दोनों प्लॉट पर मकान बनाने का काम कर रहे थे। 2 जनवरी को नीतू ने सतीश को जहर दे दिया और बाद में उन्होंने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपी पत्नी ने हरपाल की मदद से शव को उसी प्लॉट में गाड़ दिया। जहां वे काम करते थे और फिर अपराध पर पर्दा डालने के लिए उसके ऊपर सेप्टिक टैंक बना दिया।
उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना, या अपराधी को स्क्रीन करने के लिए गलत जानकारी देना), 34 (साझा इरादा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि हालांकि यह अपराध फिल्म ‘दृश्यम’ (Drishyam-Like Murder) से मिलता-जुलता है, लेकिन आरोपी को फिल्म से कोई मतलब नहीं था।