धर्म कर्म और उनके नियमों का महत्त्व

0
37

Dharma Karma: प्रत्येक व्यक्ति जो भगवान में मानता है, उसका ईश्वर के प्रति विश्वास व् भाव दृढ़ रहे। इसके लिए कुछ नियम बनाये गए है। ये नियम परम्पराओं और संस्कारो के रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी संचारित होते रहते है। और चूँकि ये नियम मानव जीवन के एक अहम् हिस्से में परिवर्तित हो जाते है, इसलिए इनका व्यावहारिक मतलब व् महत्त्व जानना हमारे लिए आवश्यक हो जाता है। अगर आप भी धार्मिक अनुष्ठानो व् पूजा के नियमो के वास्तविक अर्थ से अनभिज्ञ है, तो इस लेख में आप सभी नियमो के वैज्ञानिक तथ्यों को जान सकेंगे।

पूजा करते वक्त क्यों ढकते है सिर

क्या आपने कभी सोचा की पूजा या कोई भी धार्मिक अनुष्ठान के वक्त सिर ढांकना जरुरी क्यों माना जाता है। दरअसल हमारे सिर के मध्य में एक चक्र होता है। जब भी आप पूजा या ध्यान करते है तो ये चक्र सक्रिय होकर ऊर्जा प्रवाहित करता है। इस समय सिर ढँका होने से ये ऊर्जा बिखरती नहीं है और आप एकाग्रचित होकर पूजा कर पाते है।

फूल चढाने का महत्त्व

पूजा व् अन्य सभी धार्मिक अनुष्ठानो में भगवान को फूल अर्पित किये जाते है। मान्यता है की इससे भगवान् प्रसन्न होते है। इसके अलावा धार्मिक कार्यो में या देवी देवताओं को पुष्प चढ़ाने से हमें आंतरिक अनुभूति कि शांति मिलती है। इससे सकारात्मक ऊर्जा आती है, घर के मंदिरों में भी देवी देवताओं को पुष्प अर्पित करना चाहिए, इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है मन शांत और प्रफुल्लित रहता है।

तिलक लगाने का महत्त्व

शास्त्रों में बताया गया है कि तिलक लगाने से उग्र ग्रहों को शांत करने में व उनके नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में सहायता मिलती है। लेकिन वैज्ञानिक तौर पर देखें तो माथे पर तिलक लगाने से मस्तिष्क को ठंडक मिलती है। इससे व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है। कहा जाता है कि माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वह अपने फैसले बहुत मजबूती से लेता है। चंदन का तिलक लगाने से मस्तिष्क को शीतलता मिलती है। इसके लिए भक्त कुमकुम, रोली, पीला व सफेद चंदन, हल्दी या भस्म का प्रयोग कर सकते हैं।

क्यों करते है मंत्रोच्चारण

पूजा करते समय मंत्रों के उच्चारण का बेहद ही विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि मंत्रों के सही उच्चारण और सच्चे मन से कहे जाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जितने भी देवी देवता हैं उन सभी के अलग-अलग मंत्र हैं। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करे तो मन्त्रों के उच्चारण द्वारा वातावरण में सकारात्मक तरंगे फैलती हैं और उनका श्रवण करने से मन शांत होता है। इस प्रकार मंत्रोच्चारण व्यक्ति के लिए शारीरिक व् मानसिक दोनों प्रकार से उपयोगी होता है।