हर किसी के जीवन में ग्रह नक्षत्र और कुंडली अहम भूमिका अदा करती है और ये व्यक्ति के जीवन पर विशेष रूप से प्रभाव भी डालते हैं। अगर किसी जातक की कुंडली का कोई ग्रह अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसे में जातक को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वही अगर आपके विवाह में किसी तरह की अड़चन आ रही है या फिर वैवाहिक जीवन में तनाव बना रहता है तो इसका जिम्मेदार कुंडली का कमजोर मंगल हो सकता है। ऐसे में इसे मजबूत करने व शुभ फल पाने के लिए आप हर मंगलवार के दिन मंगल अष्टोत्तर स्तोत्र का पाठ करें और मंगल देव की पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं और बाधाएं दूर हो जाती है।
मंगल अष्टोत्तर स्तोत्र— महीसुतो महाभागो मङ्गलो मङ्गलप्रदः महावीरो महाशूरो महाबलपराक्रमः ॥ १ ॥ महारौद्रो महाभद्रो माननीयो दयाकरः मानदोऽमर्षणः क्रूरः तापपापविवर्जितः ॥ २ ॥ सुप्रतीपः सुताम्राक्षः सुब्रह्मण्यः सुखप्रदः वक्रस्तम्भादिगमनो वरेण्यो वरदः सुखी ॥ ३ ॥ वीरभद्रो विरूपाक्षो विदूरस्थो विभावसुः नक्षत्रचक्रसञ्चारी क्षत्रपः क्षात्रवर्जितः ॥ ४ ॥ क्षयवृद्धिविनिर्मुक्तः क्षमायुक्तो विचक्षणः अक्षीणफलदः चक्षुर्गोचरश्शुभलक्षणः ॥ ५ ॥