पहली बार रखने जा रही है करवा चौथ का व्रत, तो ध्यान दे इन जरुरी बातों का

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करवा चौथ का दिन हर सुहागिन महिला के लिए बहुत खास होता है। इस दिन महिलाऐं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियाँ भी अपने होने वाले पति के लिए या मनचाहे पति के लिए यह व्रत रखती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाऐं पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं यानी पूरे दिन पानी भी नहीं पीती हैं। करवा चौथ के दिन व्रत-पूजन करते समय नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है। ऐसे में अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो हम आपको इस व्रत के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं-

कैसे करे दिन की शुरुआत ?

दिन देश के हर हिस्से में करवा चौथ का व्रत अलग-अलग तरीके से रखा जाता है। जैसे पंजाब में महिलाऐं सुबह सरगी खाने के साथ इस व्रत की शुरुआत करती हैं। तो कुछ महिलाऐं करवा चौथ के दिन रात में चाँद देखे बिना कुछ भी खाती या पीती नहीं हैं। करवा चौथ के दिन सूरज उगने से पहले सास अपनी बहू को सरगी देती है। सरगी में बहू के लिए कपड़े, सुहाग का सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर और खाने की चीज़ें जैसे फेनियाँ, शक्करपारे, फ्रूट्स, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि रखा जाता है। करवा चौथ के दिन महिलाऐं सुबह नहाकर सास का दिए हुए कपड़े और शृंगार की चीज़ें पहनती हैं। इसके बाद सूरज डूबने से पहले करवा चौथ की कथा सुनी जाती है।

कैसे करे इस दिन पूजा

इस दिन औरतें कथा सुनने के लिए मंदिर जाती हैं या गली-मौहल्ले की औरतें भी आपस में ही कथा सुन लेती हैं। करवा चौथ की कथा सूरज ढलने से पहले ही सुनी जाती है। करवा चौथ की कथा सुनते समय साबुत अनाज और मीठा साथ में रखकर कहानी सुनी जाती है। इसके बाद सात सुहागन आपस में गाना गाते हुए थालियां फेरती हैं। थाली तब तक फेरी जाती है जब तक हर किसी की थाली उसके पास नहीं पहुंच जाती। कथा सुनने के बाद बहु को अपनी सास के लिए बायना निकालना होता है। इसमें सास के लिए कपड़े, सुहाग का सामान, खाने की चीज़ें जैसे मिठाई, मठ्ठी, गुलगुले आदि, पानी का लोटा, शगुन के पैसे ज़रूर रखें। सास के दिए करवे से चाँद को अर्घ्य दिया जाता है, वहीं दूसरे करवे में पानी भरकर बहु बायना देते समय अपनी सास को देती है।