प्रेम, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक करवा चौथ आज पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। आज पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए सुबह से निर्जला व्रत रखी हुई हैं। आज सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार करके करवा की पूजा करती हैं और चांद को अर्ध्य देकर अपना उपवास खोलती हैं। आइए बताते हैं कैसे करें –
- पारण चांद को अर्ध्य देने के बाद पत्नियों को अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ना चाहिए।
- जिनके पति घर पर नहीं हैं या पत्नियों के साथ नहीं हैं वो अपने पति की फोटो को सामने रखकर पानी पीकर अपना व्रत तोड़ सकती हैं।
- फिर महिलाओं को करवा पूजा में चढ़ाई गईं हलवा-पूड़ी , मिष्ठान का सेवन करना चाहिए। आज के दिन महिलाओं को प्याज-लहसुन या मांसाहार नहीं खाना चाहिए।
- दिन भर महिलाएं बिना पानी के रहती हैं, ऐसे में जल ग्रहण करने के बाद उन्हें तुरंत भोजन नहीं करना चाहिए, बेहतर होगा कि वो नारियल पानी या जूस का सेवन करें।
- महिलाओं को चाय-कॉफी का भी सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।
- प्रसाद ग्रहण करने से पहले महिलाएं पंडित को दान करना ना भूलें।
- महिलाएं अपनी सहेलियों या सुहागिन बहनों, ननद या जिठानी-देवरानी को सुहाग की चीज भी बांटें।
क्यों देखा जाता है छलनी से चांद?
दरअसल माना जाता है कि चांद को सीधे तौर पर देखने पर व्यक्ति को कलंक लगने का डर होता होता है क्योंकि पुराणों में वर्णन है कि गणेश जी का श्राप चांद को मिला था। लेकिन आज की पूजा बिना चांद के पूरी नहीं होती है और इसी कारण रिवाज बन गया चांद को छलनी से देखने का और इसी कारण करवा चौथ पर महिलाएं छलनी से चांद को या फिर पानी में चांद की परछाई को देखकर अर्ध्य देती हैं।
क्यों दिया जाता है चांद को अर्ध्य?
दरअसल चांद सुंदरता और चंचलता का प्रतीक है। नारी की सुंदरता की तारीफ चांद से ही की जाती है लेकिन नारी उसकी तरह चंचल ना रहे और उसक मन स्थिर रहे इसलिए चांद को अर्ध्य देने की परंपरा है।