CAA लागू होने पर दुनियाभर के हिंदू संगठनों ने मनाई खुशियाँ

अमेरिका में भी हिंदू संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू होने पर खुशी जताई है।

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भारत में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू हो गया है। सोमवार को इस कानून का नोटिफि​केशन सोमवार को जारी हुआ। इसके साथ ही भारत में बाहर से आए गैर मुस्लिम लोगों के लिए नागरिकता का रास्ता साफ हो गया है। इस कानून के लागू होने पर दुनियाभर के हिंदू संगठनों में खुशियां मनाई जा रही है।

अमेरिका में भी हिंदू संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू होने पर खुशी जताई है। ​संगठन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला (Suhag Shukla) ने इस संबंध में कहा कि ‘भारत में सीएए का काफी लंबे समय से इंतजार था। इसे लागू करने की आवश्यकता भी थी। अब यह इंतजार खत्म हो गया है। इस कानून से शरणार्थियों को सुरक्षा मिलेगी।’

इससे पहले सोमवार को सीएए कानून का नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसके साथ ही भारत में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के नियम लागू हो गए हैं। इस पर हिंदू अमेरिकी समूहों ने कहा कि सीएए का लंबे समय से इंतजार था और यह अमेरिका में शरणार्थियों के लिए किए गए लॉटेनबर्ग संशोधन को ही दर्शाता है।


अमेरिकी हिंदू संगठन यानी एचएएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कभी कभी सीएए को लेकर गलत जानकारी दी जाती हैं। सीएए किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों में बदलाव नहीं करता है और न ही यह सामान्य आव्रजन के लिए जांच स्थापित करता है। साथ ही मुसलमानों को भी भारत में आने से नहीं रोकता है। कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका की पुष्पिता प्रसाद ने कहा कि यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि सीएए का भारत में रहने वाले लोगों पर कोई असर नहीं होगा।

जाने क्या है CAA?

CAA का नोटिफिकेशन जारी होने से अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी। सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना अब शुरू कर देगी।

सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों – को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। गौरतलब है कि सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी और आज इसका नोटिफिकेशन जारी करके इसे देशभर में लागू कर दिया गया है।

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।