अकबरुद्दीन ओवैसी पर हिमंता बिस्वा सरमा ने साधा निशाना

अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान एक पुलिस ऑफिसर को खुलेआम धमकी देने का मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है।

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AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान एक पुलिस ऑफिसर को खुलेआम धमकी देने का मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है। पुलिस ने अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं, अब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने भी इस मामले पर अकबरुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है। हिमंता बिस्वा सरमा ने ये तक कह दिया है अगर ये घटना असम में होती तो 5 मिनट में ही पुलिस इसका हिसाब कर देती।

जाने क्या है पूरा मामला?

चंद्रयानगुटा सीट से AIMIM के उम्मीदवार अकबरुद्दीन ओवैसी एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने अकबरुद्दीन ओवैसी को इशारा कर बताया कि दस बजने वाले हैं तो उन्हें अपनी सभा खत्म करनी होगी। बस इसी बात पर अकबरुद्दीन भड़क गए और पुलिसवाले को मंच से उतार कर धमकी दे दी। ओवैसी ने ये भी कहा कि कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ मुझे रोकने के लिए।

सरमा ने कही ये बात

अकबरुद्दीन औवेसी द्वारा अपनी सार्वजनिक रैली के दौरान एक पुलिस अधिकारी को धमकाने पर असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। अगर ऐसा काम असम में होता तो पुलिस तुरंत हिसाब कर देती लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण यहां पुलिस और पार्टी दोनों कुछ नहीं बोलती। आज कांग्रेस और BRS दोनों चुप हैं। हिमंता ने चुनाव आयोग से ओवैसी की उम्मीदवारी भी रद्द करने की मांग की।

AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने इस घटना में अकबरुद्दीन का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यदि समय रात 10:01 बजे होता तो आपको हमें रोकने का पूरा अधिकार है। जब पांच मिनट बाकी है तो पुलिस निरीक्षक मंच पर क्यों आए? कानून अनुमति दे रहा है और आप हमें पांच मिनट पहले इसे रोकने के लिए कहते हैं? यदि रात के 10:01 बजे हैं तो आप एक्शन लीजिए लेकिन ये कैसा व्यवहार है? कोई पांच मिनट में बहुत कुछ कह सकता है। एक वक्ता के लिए शुरुआती और आखिरी वक्तव्य महत्वपूर्ण है।

पुलिस ने किया केस दर्ज

AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) द्वारा सार्वजनिक रैली के दौरान एक पुलिस अधिकारी को धमकी देने पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 (आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा डालना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं, पूरे मामले पर हैदराबाद के कमिश्नर संदीप शांडिल्य ने कहा है कि इस मामले की जांच जारी है, अगर यह हमारी गलती है तो हम सबसे पहले माफी मांगेंगे।