धर्मशाला विकास खंड की घियाणा कलां पंचायत में एक ही घर के चार सदस्यों की हुई मौत मामले में इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल में जहर के लक्षण पाए गए हैं। जिस-जिस सब्जी में इस तेल का इस्तेमाल किया गया वह भी जानलेवा बन गया। फोरेंसिक लैब के प्रारंभिक आकलन से यह बात स्पष्ट हो गई है। एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत का रहस्य धीरे-धीरे सामने आ रहा है।
फोरेंसिक विभाग की ओर से पुलिस को सौंपी गई रिपोर्ट में खाद्य तेल में जहर के लक्षण मिले हैं। इस जहरीले तेल का प्रयोग होने के कारण ही एक ही परिवार के छह सदस्य बीमार हुए थे। इनमें से चार की मौत हो गई, जबकि दो अभी भी बीमार चल रहे हैं। पुलिस इस जांच में जुट गई है कि तेल में किसी न जहर मिलाया या यह पहले से ही जहरीला था। गौर रहे कि घियाणा कलां पंचायत के एक परिवार की हालत खाना खाने के बाद 30 जुलाई को बिगड़ गई थी।
परिवार के सदस्य अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया, लेकिन 31 जुलाई को परिवार के सभी सदस्य फिर से बीमार हो गए और सभी को गंभीर हालत में टांडा पहुंचाया गया। जहां पर अशनील कुमार और उनकी पत्नी सुमना देवी को गंभीर हाल में लुधियाना रेफर किया गया।
इसी बीच रास्ते में चार अगस्त को अशनील की मौत हो गई, जबकि कुछ दिन उपचार के बाद हालत में सुधार न होने पर सुमना देवी को भी टांडा वापस भेज दिया, जिसने 15 अगस्त को दम तोड़ दिया। इसके बाद परिवार के तीसरे सदस्य मोहिंद्र सिंह ने भी 16 अगस्त को दम तोड़ दिया, जबकि 18 अगस्त को परिवार के चौथे सदस्य बुजुर्ग महिला की भी मौत हो गई थी।
फोरेंसिक लैब से आई प्रारंभिक रिपोर्ट में खाद्य तेल और उससे बने अन्य पदार्थों में जहर के नमूने पाए गए हैं। तेल में यह जहर कहां से और कैसे आया, अब इसकी जांच पड़ताल की जाएगी। वहीं मौत के असली कारणों का पता अंतिम रिपोर्ट के बाद ही आएगा।